शायराना अंदाज मे मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को प्रसिद्ध कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कुछ पंक्तियों और दाग दहलवी के एक शेर के साथ कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उनकी सरकार नयी सोच के साथ काम कर रही है, इसलिए जनता ने उसे दोबारा चुना।
![]() प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया |
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर निचले सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रहे प्रधानमंत्री ने कहा कि चर्चा में एक स्वर उठा कि सरकार को सारे कामों की इतनी जल्दी क्यों है और वह सारे काम साथ में क्यों कर रही है।
उन्होंने कहा कि शुरूआत में मैं सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता को उद्धृत करना चाहूंगा। वही हमारे संस्कार भी हैं और सरकार का स्वभाव भी। उसी प्रेरणा के कारण हम लीक से हटकर तेज गति से आगे बढने के प्रयास कर रहे हैं।
‘‘लीक पर वे चलें जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने ऐसे अनिर्मित पथ प्यारे हैं’’
मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आप लोगों की तरह चलते, उन रास्तों पर चलते जिनकी आपको आदत हो गयी थी तो सालों तक वो काम नहीं हो पाते जो आज हम कर रहे हैं।
उन्होंने सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग और देशभर में होने वाले प्रदर्शनों के परोक्ष संदर्भ में कहा कि उच्चतम न्यायालय बार-बार कह चुका है कि ऐसे आंदोलन नहीं हों जो आम आदमी को तकलीफ पहुंचाएं, हिंसा के रास्ते पर चलें।
उन्होंने प्रदर्शनों के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘‘ये ही वामपंथी, कांग्रेस और वोट-बैंक की राजनीति करने वाले लोग वहां जाकर लोगों को उकसा रहे हैं।’’
मोदी ने कहा कि उन्हें देखकर मुझे एक शायर का शेर याद आता है। इसके बाद उन्होंने दाग दहलवी का शेर पढा-
‘‘खूब पर्दा है, कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साफ छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।’’
उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है कि जिस तरह के बयान दिये गये, सदन में उनका जिक्र करना ठीक नहीं। पिछले दिनों जैसी भाषा रही और सदन के बड़े-बड़े नेता प्रदर्शन में पहुंचे। अफसोस है। इससे पहले मोदी जब सदन में पहुंचे तो विपक्ष की ओर से ‘महात्मा गांधी की जय’ के नारे सुनाई दिये। विपक्षी सदस्यों के शांत होने के बाद जब प्रधानमंत्री ने कहा-‘‘बस इतना ही’’। इस पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को कहते सुना गया-‘‘यह तो ट्रेलर है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘आपके लिए गांधी ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिए तो गांधीजी जिंदगी हैं।’’
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