अटल भूजल योजना मंजूर

Last Updated 25 Dec 2019 07:48:22 AM IST

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने उनके नाम पर दो योजनाओं को मंजूरी दी है।


सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (file photo)

एक योजना अटल भूजल मिशन के नाम से होगी और दूसरी मनीला से लेह तक आठ किलोमीटर लंबी रणनीतिक सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का फैसला किया है। जल मिशन की शुरुआत वाजपयी के जन्मदिन के मौके पर कल लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लांच करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक दोनों योजनाओं को मंजूरी दी गयी। बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना भूजल के उचित प्रबंधन तथा बेहतर इस्तेमाल के मकसद से शुरू की गयी है। उन्होंने कहा कि 6000 करोड़ रुपए की लागत से लागू की जाने वाली यह योजना 2025 तक क्रियान्वित कर दी जाएगी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए तीन हजार करोड़ रुपए विश्व बैंक से और शेष 3000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की  तरफ से दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस येजना का मुख्य मकसद भूजल का स्तर बढ़ाना है और इस काम में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भागीदार बनाया है।

योजना से ग्रामीणों को जोड़कर भूजल के उचित इस्तेमाल के लिए उन्हें प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि यह योजना सात राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और हरियाणा के 8350 गांवों में लागू होगी जिसके क्रियान्वयन में स्थानीय लोगों एवं किसानों को साथ लिया जाएगा और उनकी मदद से इस कार्यक्रम को क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांवों में पेयजल की 85 फीसद आपूर्ति भूजल से होती है और देश में 65 फीसद सिंचाई भी भूजल से होती है इसलिए भूजल का आवश्यक रूप से बेहतर प्रबंधन कर सभी के लिए पानी सुनिश्चित कराने कराना सरकार की प्राथमिकता है। इस कार्यक्रम के तहत जनजागृति, जल सुरक्षा, पानी का किफायती इस्तेमाल तथा इसके माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे।
वाजपेयी के नाम पर सुरंग : हिमाचल प्रदेश के मनीला से लद्दाख को जोड़ने वाले मार्ग पर बन रही सुरंग का नाम बदल कर ‘अटल सुरंग’ करने का निर्णय लिया है। जावड़ेकर ने कहा कि मनाली तथा लेह को जोड़ने वाली अत्यधिक रणनीतिक महत्व की इस सुरंग के निर्माण से दोनों क्षेत्रों के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और इससे करोड़ों रुपए के ईंधन की बचत होगी तथा यात्रा का समय भी बचेगा।
यह सुरंग 8.8 किलोमीटर लम्बी है और तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर यह दुनिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। इसकी चौड़ाई 10.5 मीटर होगी और यह आग से पूरी तरह से सुरक्षित होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सुरंग का 80 फीसद काम पूरा हो गया है और हिमाचल प्रदेश तथा लद्दाख के क्षेत्रों को हर मौसम में शेष देश से जाड़ने का माध्यम बनेगी।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नयी दिल्ली


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