न्यायपालिका पर ‘सोच समझ कर हो रहे हमले’ से सुप्रीम कोर्ट नाराज
उच्चतम न्यायालय ने न्यायपालिका पर ‘सोच समझकर किए जा रहे हमले’ पर गुरुवार को नाराजगी जताई और कहा कि अब इस देश के अमीर और ताकतवर लोगों को यह बताने का समय आ गया है कि वे ‘आग से खेल रहे’ हैं और यह रुक जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) |
शीर्ष अदालत एक अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस के उन दावों पर सुनवाई कर रही थी जिसमें प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसाने के लिए एक बड़ा षड्यंत्र रचे जाने की बात कही गयी है।
न्यायालय ने वकील के दावों की सुनवाई करते कहा कि वह अपराह्न दो बजे आदेश देगा।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि पिछले तीन-चार साल से न्यायपालिका से जिस प्रकार पेश आया जा रहा है, वह उससे बेहद नाराज है।
पीठ ने कहा कि वह अपराह्न दो बजे इस मामले में अपना आदेश सुनायेगी।
पीठ ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से जिस तरीके से इस संस्था से पेश आया जा रहा है, उसे देखकर हमें कहना पड़ेगा कि अगर ऐसा होगा तो हम काम नहीं कर पाएंगे।’’
न्यायालय ने कहा, ‘‘इस संस्था को बदनाम करने के लिए सोच समझ कर हमला किया जा रहा है और सोच समझकर यह खेल खेला जा रहा है।’’
न्यायालय ने कहा कि मनमाफिक पीठ के समक्ष सुनवाई कराने के आरोप बहुत ही गंभीर हैं और उनकी जांच की जानी चाहिए।
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