बंगाल में लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश में जुटी हैं ममता बनर्जी: नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लोकतंत्र को कुचलने के लिए पिछली कम्युनिस्ट सरकार के रास्ते पर चलने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि यह तब भी काम नहीं आया था और अब भी काम नहीं आएगा।
![]() प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
उन्होंने औद्यागिक शहर दुर्गापुर में भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र ने राज्य के लिए पिछले साढे चार सालों में 90,000 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं मंजूर की हैं लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने उन्हें लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं ली, क्योंकि वह ‘सिंडीकेट’ के लिए हिस्सा चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां कहीं भी सिंडिकेट के लिए हिस्सा नहीं होता है.. जहां कोई मलाई नहीं होती है, वहां तृणमूल कांग्रेस विकास परियोजनाएं शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं लेती है।’’
मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर राज्य में मध्यम आय वर्ग के सपनों और आकांक्षाओं की हत्या करने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार मध्यम वर्ग के लोगों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने पर डटी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस लोगों के सपनों को कुचल रही है लेकिन केंद्र उनके सपनों को पूरा करेगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में कल पेश अंतरिम बजट भाजपा सरकार की ‘सबका साथ सबका विकास’ नीति का परिचायक है।
'अब समझ आया दीदी हिंसा पर क्यों उतर आईं'
इससे पहले ठाकुरनगर में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भीड़ से भरे मैदान की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये दृश्य देखने के बाद अब मुझे समझ में आ रहा है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आयी हैं। यह आपका प्यार है जिसके डर के कारण लोग निर्दोषों की हत्या करने में लगे हैं।
अंतरिम बजट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने किसानों, श्रमिक वर्ग की स्थिति बेहतर करने के लिए ईमानदारी से कदम उठाए। मेरी सरकार का बजट किसानों और श्रमिक वर्ग के कल्याण लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह तो बस शुरुआत है, पूर्ण बजट तो लोकसभा चुनाव के बाद आएगा, जिसमें युवाओं, किसानों और समाज के दूसरे वर्गों की तस्वीर साफ हो जाएगी।
किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कई बार किसानों के साथ कर्जमाफी की राजनीति करके किसानों की आंख में धूल झोंकी गई है। सियासी दलों ने लाभ उठाया है। अभी राज्यों में कर्जमाफी के नाम पर वोट मांगे गए। जिसने कर्ज लिया उसकी ढाई लाख रुपए की माफी का वादा किया था और माफी हुई केवल 13 रुपए की। ये कहानी मध्य प्रदेश की है। वहीं राजस्थान में सरकार ने तो हाथ ही खड़े कर दिए। यही नहीं कर्नाटक में किसानों के पीछे पुलिस लगा दी गई है।
उन्होंने कहा, मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हिंदुस्तान आजाद होने के बाद देश के टुकड़े किए गए। सांप्रदायिक दुर्भावना से लोगों पर अत्याचार किए गए। बांग्लादेश, पाकिस्तान से लोगों को भागकर यहां आना पड़ा। अब हम नागरिकता का कानून लाए हैं। संसद में यह कानून पास होने से जनता को उनका अधिकार मिलेगा।
रैली में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर मोदी ने भाषण को 14 मिनट में ही खत्म कर दिया।
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