बचाएं छात्रों का जीवन

Last Updated 08 Feb 2025 01:35:36 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाषिर्क ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का आठवां संस्करण नये अंदाज में पेश किया जाएगा। इसमें फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, छह बार की वर्ल्ड चैपियन मुक्केबाज मैरीकॉम, अभिनेता विक्रांत मैसी व भूमि पेडनेकर समेत कई दिग्गज भी शामिल होंगे।


दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में यह कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसके लिए अब तक साढ़े तीन करोड़ पंजीकरण हो चुके हैं। 

‘परीक्षा पे चर्चा’ को जन आंदोलन बनाने का प्रयास कहा जा रहा है। परीक्षा के तनाव को दूर करने व परीक्षा को उत्सव के तौर पर देखने के लिए प्रोत्साहित करना इसका मुख्य उद्देश्य है। परीक्षाओं, खासकर बोर्ड इम्तिहानों को लेकर छात्रों में विशेष प्रकार का मानसिक दबाव देखने में आता है।

हालांकि अब तेजी से परीक्षाओं का पैटर्न बदला जा रहा है। फिर भी अभिभावकों की उम्मीदों और अधिक से अधिक अंक लाने का दबाव उन्हें मानसिक तौर से प्रताड़ित करने वाला बन जाता है। 

बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बेहतरीन भविष्य के सपनों का बोझ छात्रों पर इतना डाला जाता है कि वे तनावमुक्त हो कर परीक्षाएं देने में असफल रहते हैं। हालांकि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश में हर घंटे एक छात्र खुदकुशी करता है।

यह अध्ययन का विषय हो सकता है कि क्या प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम के बाद के इन सालों में परीक्षाओं के तनाव से मौत को गले लगाने वाले छात्रों में कमी आ सकी है। यदि वास्तव में ऐसा नहीं है तो हमारा पहला प्रयास तनावग्रस्त छात्रों के जीवन को बचाने का होना चाहिए।

परीक्षाओं के डरावना होने से कहीं ज्यादा बेहतरीन करियर और उच्चतम शिक्षा प्रतिष्ठानों में प्रवेश पाने का दबाव होता है। इस तरह का कार्यक्रम क्षणिक राहत प्रदान कर सकता है मगर नियमित तौर पर पढ़ाई के तनाव को कम करने वाले नुस्खे शिक्षण संस्थानों को देने के प्रति जवाबदेह बनाना होगा।

मात्र डिग्रियां और प्रमाण-पत्रों को एकत्र करने की बाजाए नौजवानों को वास्तव में शिक्षित करने के प्रयासों पर बल दिए जाने की जरूरत  है। यह प्रयास निश्चित तौर पर सराहनीय कहा जा सकता है, परंतु जब तक छात्रों को मरने से रोकने में सफलता नहीं प्राप्त होती, कोरी बातों से कोई बात नहीं बन सकती।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment