सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ बहने लगी हवा!

Last Updated 16 Sep 2017 02:48:55 PM IST

कर्नाटक में छह महीने बाद चुनाव होने हैं. इस बीच एक सर्वे और सामने आया है. इसमें कहा जा रहा है कि सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी हवा बनने लगी है.


कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (फाइल फोटो)

शहरी मतदाता कांग्रेस सरकार से खुश नहीं है. हालांकि यह सर्वे शहरों में शुरू की जा रही सस्ती इंदिरा कैंटीन की घोषणा से पहले का है. सर्वे में भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा (48 फीसद) को भाजपा के अनंत कुमार, कांग्रेस के सीएम सिद्धारमैया (36 फीसद) और जद (एस) के नेता एचडी कुमार स्वामी (16 फीसद) से अधिक लोकप्रिय बताया गया है. हालांकि कांग्रेसी नेताओं में मल्लिकार्जुन खड़गे और जी परमेश्वर के मुकाबले सिद्धारमैया अभी भी ज्यादा लोकप्रियता रखते हैं.

सर्वे में कहा गया है कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की राजनीति करने वाले सिद्धारमैया के साथ इस बार उनकी अपनी विरादरी कुरूवास ही है. राज्य में 12 फीसद मानी जाने वाले जाति वोक्कालिंगा सिद्धारमैया से रूठी हुई है. सर्वे पर भरोसा करें तो पिछड़ों के वोट भी भाजपा-जद(एस) के बीच बंट सकते हैं. इसी आधार पर कहा जा रहा है कि कांग्रेस को 38 फीसद वोट के साथ 86 सीटों का अनुमान है. वहीं भाजपा के बारे में दावा किया जा रहा है कि वो 50 फीसद से अधिक वोट पा सकती है और 113 सीटें निकाल सकती हैं. देवगौड़ा की पार्टी जद(एस) को कमजोर होने की कीमत चुकानी पड़ेगी और उसे 11 फीसद वोट के साथ सिर्फ 25 सीट मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. कांग्रेस को मुबंई कर्नाटक क्षेत्र और हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र में भारी नुकसान हो रहा है. पुराने मैसूर,बेंग्लुरू और सेंट्रल कर्नाटक में कांग्रेस ने भाजपा से बढ़त बनाए रखी है.

ये सर्वे क्रियेटिव सेंटर फॉर सोशल एंड पोलिटिक्स स्टडीज(सीओपीएस) ने हाल ही में किया है. उसका दावा है कि इसमें हर बूथ से 5 फीसद मतदाताओं की राय ली गई है. इसलिए ये काफी व्यापक है. सर्वे में 28 प्रश्न पूछे गए. इसमें राज्य की सिद्धारमैया सरकार की कानून व्यवस्था,स्वास्य, शिक्षा और ढांचागत विकास के लिए प्रयास के बारे में राय मांगी गई. वहीं केंद्र की मोदी सरकार के प्रदर्शन पर भी कुछ सवाल किए गए. जो रक्षा,राष्ट्रीय सुरक्षा ही नहीं , विदेश नीति, अर्थव्यवस्था और रोजगार के बारे में थे. सर्वे में दावा किया जा रहा है कि युवा मोदी सरकार से खुश है, जिसका फायदा कर्नाटक के चुनाव में भाजपा को मिल सकता है. सवाल सांसदों और विधायकों के प्रदर्शन के बारे में भी किए गए, जिनके जवाब मिलेजुले हैं.

अजय तिवारी
सहारा न्यूज ब्युरो


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