भारत-जापान ने परमाणु हथियार एवं मिसाइल योजना को लेकर उ. कोरिया की निंदा की

Last Updated 15 Sep 2017 02:38:44 AM IST

भारत और जापान ने क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के कई मुद्दों पर चर्चा की तथा उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियार एवं बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम चलाने को लेकर उसकी निंदा की.


गुजरात में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे एवं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी.

यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच वार्ता के बाद मीडिया को ब्रीफ करते हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच हाल के डोकलाम विवाद पर खास तौर पर दोनों नेताओं ने चर्चा नहीं की.

वार्ता के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया.

जयशंकर ने कहा, बयान में डोकलाम का विशेष तौर पर जिक्र नहीं किया गया. लेकिन क्षेत्रीय एवं वैश्विक महत्व के सभी मुद्दों पर चर्चा हुई.  

जापान एक मात्र देश था जिसने डोकलाम संकट के दौरान खुलकर भारत का समर्थन किया था.

विदेश सचिव ने कहा कि दोनों नेताओं ने उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियार एवं बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम चलाने को लेकर उसकी निंदा की. दोनों नेताओं ने कहा कि उत्तर कोरिया को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का पूरी तरह पालन करना चाहिए.

मोदी और आबे ने स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता दोहरायी. लेकिन पिछले साल के संयुक्त बयान की भांति इस बयान में दक्षिण चीन सागर का उल्लेख नहीं था.

जब जयशंकर से पूछा गया कि दक्षिण चीन सागर का बयान में जिक्र क्यों नहीं था, तब उन्होंने कहा, जब हम हिंद प्रशांत क्षेत्र की बात करते हैं तो दक्षिण चीन सागर उसका हिस्सा है. यह किसी खास भौगोलिक क्षेत्र के लिए विशिष्ट स्थिति नहीं है, यह दुनिया के किसी भी हिस्से के लिए हमारा सैद्धांतिक रुख है.  

उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने भारत को जापान द्वारा यू एस एम्फिबियन विमान की बिक्री पर बातचीत जारी रखने का फैसला किया. दोनों देशों ने भारतीय सेना एवं वायुसेना एवं उनके जापानी समकक्षों के बीच सहयेग बढ़ाने का भी फैसला किया.

भाषा


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