संसद सत्र से पहले बीजेपी संसदीय बोर्ड की अहम बैठक
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले बुधवार को बीजेपी संसदीय बोर्ड की अहम बैठक हो रही है.
बीजेपी संसदीय बोर्ड की अहम बैठक (फाइल) |
माना जा रहा है कि बीजेपी ने संसद सत्र के दौरान अपनी रणनीति तय करने के लिए यह बैठक बुलाई है.
इसके बाद शाम पांच बजे लाल कृष्ण आडवाणी के घर पर एनडीए घटक दलों की भी बैठक होनी है जिसमें एनडीए का नया संयोजक भी चुना जा सकता है.
संसद के इस सत्र में सिर्फ 12 बैठकें होगी. यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा.
बीजेपी और असम गण परिषद (अगप) ने भारत बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते पर संविधान संशोधन विधेयक लाए जाने की किसी योजना का भारी विरोध किया है.
मुख्य विपक्षी पार्टी ने पटना में पार्टी की रैली में विस्फोटों के मद्देनजर आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा कराए जाने की मांग की है. पार्टी महिलाओं के उत्पीड़न, 2जी घोटाला संबंधी जेपीसी जैसे संवैधानिक निकायों में गिरावट पर भी चर्चा कराए जाने के पक्ष में है.
बीजेपी ने पृथक तेलंगाना के मामले में कांग्रेस पर बयान बदलने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस संसद के शीतकालीन सत्र में राज्य के गठन संबंधी विधेयक पेश करे.
बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भाजपा की मांग है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में पृथक तेलंगाना राज्य के गठन संबंधी विधेयक पेश करे. हम तेलंगाना राज्य के गठन के प्रति प्रतिबद्ध हैं.
वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने कहा कि पार्टी शीतकालीन सत्र में कोयला घोटाले और सीबीआई और आईबी के कथित दुरुपयोग समेत कई मुद्दे उठाएगी.
नायडू ने साथ ही कहा कि अनुच्छेद 370 पर भाजपा के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.
नायडू ने कहा कि भाजपा संसद के आगामी सत्र में लोगों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण मुद्दे उठाएगी. हम कोयला घोटाले को बड़े स्तर पर उठाएंगे, सरकार प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही बल्कि उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं और उन लोगों को परेशान किया जा रहा है जो उसके दबाव में नहीं आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार कोयला घोटाला जांच को प्रभावित करने और जरूरत पड़ने पर अपने हिसाब से इशरत जहां मामले समेत कई मामलों में सीबीआई और आईबी का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है. इसके बाद अब सरकार हिसाब चुकता करने के लिए इशरत जहां मामले में आईबी के अधिकारियों को भी आरोपी बनाने की कोशिश कर रही है. हम आंध्र प्रदेश और ओडिशा में बार-बार चक्रवात और बाढ़ आने का मामला भी उठाएंगे.
नायडू ने कहा कि अनुच्छेद 370 को भारतीय संविधान के 21वें भाग (स्थायी, परिवर्ती और विशेष प्रावधान) में शामिल किया गया है और यह जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध शीर्षक के साथ शुरू होता है.
उन्होंने कहा कि अस्थायी का अर्थ कितना लंबा है? इस अनुच्छेद को लागू हुए 64 साल हो गए हैं. यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर में सभी समस्याओं की जड़ है.
नायडू का यह बयान ऐसे समय आया है जब ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के इस अनुच्छेद 370 पर बहस करने का आह्वान करने के मद्देनज़र इस संबंध में पार्टी का रुख ‘नरम’ हुआ है.
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