'पायलिन' से ओेडिशा में दस लोगों की मौत, बिजली और संचार माध्यम ठप
बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान 'पायलिन' से ओेडिशा में अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है. इस वक्त तेज हवाएं चल रहीं और तेज बारिश हो रही है.
तूफान ‘फैलिन’ |
महातूफान 'पायलिन' शनिवार की रात ओडिशा और आंध्रप्रदेश में अपना रंग दिखाने के बाद बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है. यह चक्रवाती तूफान आज झारखंड और पश्चिम बंगाल पहुंच गया, दोनों राज्यों में तेज बारिश हो रही है.
बिहार भी रविवार को ही पहुंचेगा और सोमवार को उत्तर प्रदेश में दस्तक देगा. तूफान के खतरे को देखते हुए छह राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है.
हालांकि तूफान का रफ्तार कम हुआ है. अब तूफान का रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा रह गया है, जो शनिवार को आंध्रप्रदेश और ओडिशा में 200 किलोमीटर प्रति घंटा था, जिससे दोनों राज्यों के तटीय इलाकों भारी तबाही की खबर है. हालांकि प्रशासन ने आठ लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. फिर भी भीषण तूफान से अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है.
बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान 'पायलिन' से ओेडिशा में अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है. इस वक्त तेज हवाएं चल रहीं और तेज बारिश हो रही है.
1999 के खतरनाक महाचक्रवात के बाद अब तक का दूसरा सबसे भीषण चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ शनिवार की रात ओेडिशा के तट से टकरा गया. इससे यहां भारी तबाही मच गयी.
इस दौरान हवा की गति 200 किलोमीटर प्रतिघंटा बनी हुई थी, और ओडिशा-आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में अभी भी बारिश जारी है. ओडिशा में इस तूफान से दस लोगों की मौत हो चुकी है. 'पायलिन' ओडिशा के गोपालपुर इलाके के तट से सबसे पहले टकराया. गोपालपुर में इस वक्त 150 से 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं.
वहीं उड़ीसा के बालासोर में इस वक्त तेज हवाएं चल रही हैं और बिजली गुल हो गई है.
मालूम हो कि ओडिशा के तटीय जिलों, खासतौर से गंजम, जहां का गोपालपुर-आन-सी तूफान का प्रवेश बिंदु था.
भारी वर्षा के कारण लोग घरों के भीतर रहे और सड़कों पर वाहन रुक गए. राजधानी भुवनेश्वर के अलावा राज्य के तटीय जिलों गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, नयागढ़, कटक, भद्रक और केंद्रपाड़ा में भारी से बहुत भारी बारिश हुई.
गौरतलब है कि ओडिशा के गंजाम जिले में मौजूद गोपालपुर राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. गोपालपुर एक समय ये ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रमुख बंदरगाह हुआ करता था. परंतु ब्रिटिशों के भारत छोड़कर जाने के बाद गोपालपुर एक शांत और सुरम्य समुद्र तट बन गया. यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक समंदर का खूबसूरत नजारा देखने आते हैं. यहां की सुंदरता लोगों को बेहद आकर्षित करती है.
महातूफान की आशंका को देखते हुए गोपालपुर के सभी होटलों से सैलानियों को हटा दिया गया. सभी पर्यटकों को बसों, टैक्सियों और ट्रेन के जरिए जल्द से जल्द भुवनेश्वर पहुंचाने की कवायद की जा रही है. गोपालपुर में बिजली आपूर्ति बंद किए जाने से पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया. संचार के साधन ठप हो गए.
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