हर महीने 70 किसान कर रहे आत्महत्या

Last Updated 19 Aug 2012 11:35:56 AM IST

सरकार की तमाम कोशिशों और दावों के बावजूद कर्ज के बोझ तले किसानों की आत्महत्या का सिलसिला नहीं रूक रहा है.


किसान कर रहे आत्महत्या (फाइल)

देश में हर महीने 70 से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं. जबकि एक लाख 25 हजार परिवार सूदखोरों के चंगुल में फंसे हुए हैं.

सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी के अनुसार, देश में 2008 से 2011 के बीच देशभर में 3,340 किसानों ने आत्महत्या की. इस तरह से हर महीने देश में 70 से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं.

आरटीआई के तहत कृषि मंत्रालय के कृषि एवं सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 2008 से 2011 के दौरान सबसे अधिक महाराष्ट्र में 1,862 किसानों ने आत्महत्या की. आंध्रप्रदेश में 1,065 किसानों ने आत्महत्या की. कर्नाटक में इस अवधि में 371 किसानों ने आत्महत्या की.

इस अवधि में पंजाब में 31 किसानों ने आत्महत्या की जबकि केरल में 11 किसानों ने कर्ज से तंग आ कर मौत को गले लगाया.

सबसे अधिक कर्ज सूदखोरों से

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, देश भर में सबसे अधिक किसानों ने सूदखोरों से कर्ज लिया है. देश में किसानों के 1,25,000 परिवारों के सूदखोरों एवं महाजनों से कर्ज लिया है जबकि 53,902 किसान परिवारों ने व्यापारियों से कर्ज लिया.

बैंकों से 1,17,100 किसान परिवारों ने कर्ज लिया जबकि कोओपरेटिव सोसाइटी से किसानों के 1,14,785 परिवारों ने कर्ज लिया. सरकार से 14,769 किसान परिवारों ने और अपने रिश्तेदारों एवं मित्रों से 77,602 किसान परिवारों ने कर्ज लिया.

आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद ने सूचना के अधिकार के तहत 2007-12 के दौरान भारत में किसानों की मौतों का संख्यावार, क्षेत्रवार ब्यौरा मांगा था. उन किसानों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई थी जिन्होंने सूदखोरो से कर्ज लिया था.

 



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