भारत को चारों ओर से घेर रहा चीन

Last Updated 10 Apr 2012 06:07:25 AM IST

रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि चीन ने भारत के खिलाफ अपनी रक्षा तैयारियों में काफी इजाफा किया है.


ड्रैगन ने खासतौर पर अपनी जमीनी ताकत बढ़ाई है. रक्षा मंत्रालय ने यह भरोसा भी दिलाया है कि देश की सेनाएं सभी प्रकार की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और शिनजियांग प्रांत में अपनी सैन्य शक्ति में काफी सुधार किया है. भारत के खिलाफ उसकी सैन्य संचालन क्षमता एवं सामरिक लचीलापन बढ़ गया है.

रिपोर्ट यह भी कहती है कि एक उभरती ताकत और बड़ी अर्थव्यवस्था होने के कारण चीन का विास बढ़ता जा रहा है. इससे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है. रिपोर्ट में इस बात की ओर भी इशारा किया गया है कि चीन, भारत को चारों ओर से घेरता जा रहा है. भारत के पड़ोस में उसके पदचिन्ह लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

इसके लिए वह राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक सहयोग की सक्रिय कूटनीति का सहारा ले रहा है. भारत की तैयारियों का जिक्र करते हुए रक्षा दस्तावेज में कहा गया है कि भारत, चीन समेत सभी पड़ोसियों के साथ शांति एवं सद्भावपूर्ण संबंध चाहता है. लेकिन साथ-साथ सैन्य एवं ढांचागत तैयारियां भी चल रही हैं.

देश की सेनाएं सभी प्रकार की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे अपने पत्र में जिस एयर डिफेंस पण्राली के 95 फीसद पुरानी पड़ने की बात कही थी उसका चर्चा भी रक्षा दस्तावेज में किया गया है.

इसमें कहा गया है कि सेना की एयर डिफेंस कोर अपनी तोपों और मिसाइल पण्रालियों को उन्नत बनाने की दिशा में बड़े कदम उठा रही है. आकाश मिसाइलों की खरीद का सौदा हो चुका है. सेल्फ प्रोपेल्ड कन मिसाइल पण्राली और एल 70 गन को उन्नत बनाने का काम प्रगति पर है.

पिछले ढाई दशक से एक भी नई तोप नहीं खरीदे जाने की ओर बार-बार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टीलरी का मुख्य जोर निगरानी और फायर पावर क्षमताओं पर है.

पिनाका रेजीमेंट्स उन्नत दौर में हैं. 155 एमएम तोपों और 155 एमएम की अत्यंत हल्की तोपों की खरीदारी की प्रक्रिया अच्छे ढंग से चल रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना सुरक्षा परिदृश्य को अच्छी तरह समझती है.

उसने वास्तविक नियंतण्ररेखा (एलएसी) पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना जरूरतों की पहचान की है और उसका चरणबद्ध तरीके से विकास किया जा रहा है. सेना प्रमुख का पत्र लीक होने के बाद इस बात को लेकर काफी हंगामा हुआ था कि यह पत्र लीक कैसे हो गया.

लेकिन सैन्य बलों की तैयारियों में गंभीर खामियां होने को लेकर राजनीतिक दबाव बढ़ने के बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने पिछले सोमवार को मैराथन बैठकें कीं और सेना को अपनी खरीद प्रक्रिया का दुरुस्त करने का निर्देश दिया.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment