कंजंक्टिवाइटिस आंखों की एक बीमारी है, जिसे आंख आना या पिंक आई भी कहते हैं।
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इन दिनों आंखो का संक्रमण (कंजंक्टिवाइटिस) के मरीजों में बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे खुद को बचाने और लोगों को संक्रमित होने से बचाने के सावधानी और सतर्क रहने की आवश्यकता है।
कंजंक्टिवाइटिस एक संक्रमित बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे को संक्रमित कर सकता है। इसलिए जो व्यक्ति संक्रमित है उसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना चाहिए। लक्षण दिखते ही संक्रमित व्यक्ति को तुरंत अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और बेहतर होगा कि खुद को वह आईसोलेट कर लें।
दिल्ली के लोकनायक‚ जीटीबी‚ ड़ीड़ीयू‚ आईएलबीएस‚ एम्स‚ गुरुनानक नेत्र चिकित्सालय की आई डि़पार्टमेंट में नेत्र संबंधी विकृतियों के मामलों में 15 फीसद तक वृद्धि दर्ज की गई है। गुरुनानक आई चिकित्सालय की निदेशक ड़ॉ कीर्ति सिंह ने कहा कि आंखों में सूजन‚लाल होना‚ दर्द होने के साथ ही फीवर आने की सूरत में नेत्र रोग विशेषज्ञों को दिखाने के बाद ही किसी भी प्रकार का आई ड्राप ड़ालें।
जानें लक्षण और कारण
नगर निगम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आयुर्वेद) के डॉ आरपी पाराशर ने कहा कि आंखे आना या पिंक आई जिसे चिकित्सकीय भाषा में कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है। आंखों से जुड़ी एक सामान्य समस्या है जो बरसात के मौसम में होती है‚ लेकिन इस साल कंजंक्टिवाइटिस का असर न केवल व्यापक है बल्कि इसके लक्षण भी अपेक्षाकृत गंभीर हैं। यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में हो सकती है और एक से दो सप्ताह में अपने आप ही ठीक हो जाती है। वैसे तो यह समस्या किसी को कभी भी हो सकती है‚ लेकिन गर्म और नम वातावरण में इसके होने का खतरा अधिक होता है।
हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली‚ कंजंक्टिवाइटिस होती है जो हमारी पलकों के भीतरी भाग और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है। इसमें संक्रमण होने या सूजन आने को कंजंक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं।
ऐसे फैलता है संक्रमण
आंखों से निकलने वाला आंसू से संक्रमण होता है। वहीं, किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं के संपर्क में आने और फिर अपनी आंखों को छूने से लोगों में संक्रमण होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा सर्दी व खांसी के दौरान छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है।
संक्रमित व्यक्ति कुछ बातों का रखें विशेष ख्याल
सामान्य रूप से कंजक्टिवाइटिस के ठीक होने एक से छह सप्ताह का वक्त लगता है। आमतौर पर यह अपने आप ठीक हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए...
आंखों को हाथों से न छुएं
हाथों व आंखों को दिन में कई बार धोएं।
अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया‚ तकिया‚ आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
पुराने आई कॉस्मेटिक्स (मस्कारा आदि) को फेंक दें।
अपने रुमाल‚ तकिये के कवर‚ तौलिये आदि चीजों को रोज़ बदलें।
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