Diwali Precautions: धूमधाम से मनाएं दिवाली, आतिशबाजी छुड़ाने पर ध्यान रखें ये बातें

Last Updated 22 Oct 2022 11:44:48 AM IST

दिवाली का त्योहार रोशनी का प्रतीक माना जाता है। परंपरा के अनुसार हम सभी लोग घर के हर कोने में दीपक और मोमबत्तियां जलाते हैं।


देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। रंगोली बनाते हैं और सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को शुभकामनाएं देते हैं। मिठाइयां बांटते हैं और पटाखे जलाते हैं। पटाखे जलाते समय हमें अपनी और अपनों की सुरक्षा का ध्यान भी रखना चाहिए, क्योंकि जरा सी लापरवाही न सिर्फ  आंखों में चोट का कारण बन सकती है, साथ ही पटाखों से निकलने वाले प्रदूषण के कारण भी आंखों को दीर्घकालिक क्षति का खतरा रहता है। विशेषकर बच्चों में इस तरह के जोखिम अधिक देखे जाते रहे हैं।
यद्यपि पटाखों को जलाना निषिद्ध है और विशेषज्ञों की दृष्टि से उचित नहीं है। पटाखे न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करता है बल्कि ध्वनि प्रदूषण का कारण बनता है और हाथ और आंखों की चोटों के लिए जिम्मेदार है। अगर आप पटाखों या दीयों का उपयोग कर रहे हैं तो हाथ और आंखों की चोटों को रोकने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतें।
खुले स्थानों पर ही जलाएं पटाखें : कोशिश करें कि पटाखों को दूर और खुले स्थानों पर ही जलाएं। पटाखों के एकदम नजदीक जाने से बचें। पटाखों को अपने चेहरे को तो बहुत ही दूर रखें। अगर कोई पटाखा न फूटे तो उसके पास जाकर उसे हाथ से न छूएं और न ही हाथ से उठाएं। हो सकता है कि वो पटाखा आप के हाथ में ही फट जाए। बच्चों को अकेले पटाखे जलाने के लिए ना भेजें।
आंखों को पहुंच सकता है नुकसान : आंखों में कट, सुपरफिशियल एब्रेशन, ग्लोब इंज्योरी, केमिकल एण्ड थर्मल बर्न हो सकता है। अगर आप को आंखों में दर्द, लाल होना, सूजन, जलन, आंख खोलने और बंद करने में परेशानी या फिर दिखाई न देना जैसी समस्याएं हो रही है तो तुरंत नेत्र चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
पटाखों को कभी ना जलाएं टिन या शीशे की बोतल में : अतिशबाजी से सबसे ज्यादा क्षति तब होती है जब इन पटाखों को टिन या शीशे की बोतल में रखकर जलाया जाता है ताकि ज्यादा शोर हो, लेकिन कभी भी आसपास खड़े लोगों को नुकसान पहुंच सकता है इसलिए न ऐसा करे और न ही किसी को ऐसा करने दें। पटाखों के अंदर से निकला हुआ कार्बन और अन्य विषाक्त पदार्थ आंखों के उतकों, नसों और अन्य मुलायम लिगामेंट्स को क्षति पहुचा सकते हैं। बोतल में जलाए जाने वाले राकेट लोगों के चेहरों पर उड़कर लग जाते हैं जिसके कारण आंखों में चोट के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं। पटाखों के नजदीक से फटने से आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
कान्टैक्ट लेंस पहनने वाले रखें ध्यान : कान्टैक्ट लेंस पहनते वाले लोगों को दिवाली में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। पटाखों को जलाने से पहले कान्टैक्ट लेंस निकाल लेना चाहिए। कान्टैक्ट लेंस की जगह चश्मा पहनकर रखें, नहीं तो पटाखों और दीया की गर्मी के कारण कान्टैक्ट लेंस आंखों में जलन पैदा कर सकते हैं।
आपात स्थिति में क्या करें : आपात स्थिति में अपने आप कोई उपचार ना करें। चोटिल भाग को न छेड़ें और न ही आंखों को मलें। अगर ये सुपरफिश्यिल इंज्युरी है तो आंखों को साफ पानी से धो लें। अगर आंखों से खून निकल रहा हो, दर्द हो या फिर साफ दिखाई न दे तो आंखों को ढंक लें और तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ के पास ले जाएं। किसी भी आंख की चोट को मामूली न समझें क्योंकि छोटी सी चोट भी आंखों की दृष्टि छीन सकती है।
क्या करें  

  • पटाखों से कम से कम पांच मीटर की दूरी बनाए रखे और दूर से ही पटाखे जलाएं या फोड़ें।
  • आतिशबाजी करते समय सेफ्टी आई गागल्स का इस्तेमाल करें
  • पटाखों को सुरक्षित फेंकने के लिए हमेशा एक बाल्टी पानी रखें और उसी में फेके
  • दीया और मोमबत्तियां या पटाखे जलाते समय क्लोज-फिटिंग सूती कपड़े पहनें और काटन फेस मास्क का उपयोग करें। पटाखे जलाते समय दुपट्टे और साड़ियों को चेक करते रहें।
  • घर के बड़ो को दीया, मोमबत्तियां या पटाखे जलाते समय बच्चों की निगरानी करनी चाहिए।
  • अगर आपकी आंख में चोट लग जाए तो अपनी आंखों को रगड़ें नहीं। इसे साफ, ठंडे पानी से धो लें और तत्काल उपलब्ध नजदीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास पहुंचें।
  • चिकित्सक से परामर्श किए बिना आई ड्राप के उपयोग से बचें।
  • क्या न करें
  • ब्लास्टिंग (फटने वाले) पटाखों पर या राकेट पर पत्थर, बोतल के टिन का प्रयोग न करें। वे फट भी सकते हैं।
  • हाथों में पटाखे पकड़कर न फोड़े
  • गंदे हाथों से आंख को न छुएं।
  • घर के अंदर पटाखे न जलाएं। उन्हें बाहर खुले क्षेत्र में जलाना चाहिए। जेब में पटाखे न रखें

प्रभा किरण


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment