हमास को समझने में की भूल : इस्राइली सेना
इस्राइल की सेना ने हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान अपनी गलतियों का पहला आधिकारिक विवरण प्रकाशित किया।
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रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया कि इस्राइल रक्षा बल (आईडीएफ) इस्राइली नागरिकों की रक्षा करने के अपने मिशन में नाकाम रहा।
फिलिस्तीनी ग्रुप ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर बड़ा हमला किया था। हमास के सदस्यों ने करीब 12,00 लोगों को मार दिया और 251 लोगों को बंधक बना लिया। इसके बाद इजरायल ने हमास के नियंतण्रवाली गाजा पट्टी पर हमले शुरू कर दिए।
इस्राइला के हमले में 48 हजार से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस्राइल के हमलों से गाजा की लगभग दो-तिहाई इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं।
मीडिया की खबरों के मुताबिक 19 पेजों के सेना की रिपोर्ट में सेना के निष्कर्ष बताते हैं कैसे उसने हमास के इरादों को गलत समझा और उसकी क्षमताओं को कम करके आंका। इसमें कहा गया कि सेना ने गाजा को दूसरे नंबर का सुरक्षा खतरा माना जबकि प्राथमिकता ईरान और हिजबुल्लाह को दी।
गाजा को लेकर सेना की नीति विरोधाभासी थी। रिपोर्ट के मुताबिक यह मान लिया गया था हमास न तो बड़े पैमाने पर युद्ध में दिलचस्पी रखता है और न ही इसकी तैयारी कर रहा है। यह धारणा हमास की धोखेबाज रणनीति से और मजबूत हुई।
2018 के बाद से मिली जानकारियां बता रही थीं कि हमास वास्तव में एक महत्वाकांक्षी योजना विकसित कर रहा था।हालंकि ऐसे इनपुट की व्याख्या, अवास्तविक या अव्यवहारिक के रूप में की गई, जो कार्रवाई योग्य खतरे के बजाय हमास की दीर्घकालिक आकांक्षाओं को दर्शाता है।
युद्ध से पहले के महीनों में, सैन्य खुफिया निदेशालय ने एक नया आकलन किया कि हमास की योजना केवल एक विचार नहीं, बल्कि ऑपरेशनल प्लानिंग के लिए एक ठोस रूपरेखा थी।
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