फिलिस्तीनियों को उनकी जमीन से हटाने की ताकत किसी के पास नहीं : तुर्की राष्ट्रपति
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि कोई भी ताकत फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से बेदखल करने की ताकत नहीं रखती।
![]() तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन |
एर्दोगन ने एशिया के तीन देशों के दौरे पर जाने से पहले रविवार को अतातुर्क एयर पोर्ट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "कोई भी ताकत गाजावासियों को उनकी प्राचीन मातृभूमि से बाहर नहीं कर सकती। गाजा, पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम सभी फिलिस्तीनियों के हैं।"
एर्दोगन ने कहा, "इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते के बावजूद हम देख रहे हैं कि इजरायली सरकार के पास और भी खतरनाक योजनाएं हैं।" उन्होंने कहा, "जायोनी लॉबी के दबाव में गाजा के मुद्दे पर नए अमेरिकी प्रशासन के सुझाव हमारे लिए कोई महत्व नहीं रखते।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 4 जनवरी को वाशिंगटन में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना 'गाजा प्लान' पेश किया।
ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका युद्ध से तबाह गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाए जाने के बाद इसे आर्थिक रूप से विकसित करेगा। उन्होंने गाजा का विकास करने का प्रस्ताव रखते वक्त यह स्पष्ट कहा था कि फिलिस्तीनियों का विस्थापन स्थायी होगा। हालांकि बाद में व्हाइट हाउस में इस पर सफाई दी थी कि गाजा से कोई भी विस्थापन अस्थायी होगा।
ट्रंप ने गुरुवार को ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक बार फिर अपना विचार दोहराया। उन्होंने लिखा, "लड़ाई के अंत में इजरायल गाजा पट्टी को संयुक्त राज्य अमेरिका को सौंप दिया देगा।" उन्होंने यह भी दावा किया कि इस क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए ज़मीन पर किसी अमेरिकी सैनिक की ज़रूरत नहीं होगी।
6 जनवरी को नेतन्याहू ने इजरायल के चैनल 14 के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "सऊदी अरब में एक फिलिस्तीनी राज्य स्थापित किया जा सकता है। वहां उनके पास बहुत सारी जमीन है।"
ट्रंप और नेतन्याहू दोनों की टिप्पणियों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध बढ़ा दिया है। कई देशों ने फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से निकालने और दो-राज्य के समाधान के लिए उनके समर्थन को नकारा है।
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