जन्मजात नागरिकता मामला : अमेरिका के 22 प्रांतों ने किया विरोध, केस दायर

Last Updated 23 Jan 2025 08:56:48 AM IST

अमेरिका के 22 प्रांतों के अटॉर्नी जनरल (शीर्ष विधि अधिकारी) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस शासकीय आदेश के खिलाफ मंगलवार को मुकदमा दायर किया जिसके तहत देश में जन्म लेने पर किसी भी व्यक्ति को स्वत: नागरिकता मिल जाने के सौ के साल पुराने आव्रजन नियम को खत्म करने के लिए कदम उठाया गया है।


इस नियम के तहत यदि किसी व्यक्ति का जन्म अमेरिका में हुआ है तो जन्म के आधार पर उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी, भले ही उनके माता-पिता किसी और देश के हों।

सोमवार को जारी ट्रंप का लगभग 700 शब्दों का कार्यकारी आदेश, राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान उनके द्वारा किए गए वादे को पूरा करना है।

हालांकि इनकी सफलता पर संदेह है, क्योंकि राष्ट्रपति की आव्रजन नीतियों और नागरिकता के संवैधानिक अधिकार पर कानूनी लड़ाई लंबी चलने वाली है। 

डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल और प्रवासियों के अधिकार के पैरोकारों का कहना है कि जन्मजात नागरिकता को लेकर स्थापित कानून है और यद्यपि राष्ट्रपतियों के पास व्यापक अधिकार होते हैं, लेकिन वे राजा नहीं होते।

न्यूजर्सी के अटॉर्नी जनरल मैट प्लैटकिन ने कहा कि राष्ट्रपति अपने आदेश के जरिए इस व्यवस्था को समाप्त नहीं कर सकते।

व्हाइट हाउस ने कहा कि वह अदालत में प्रांतों का सामना करने के लिए तैयार है और ये मुकदमे वामपंथियों के प्रतिरोध से ज्यादा कुछ नहीं हैं।

व्हाइट हाउस के उप प्रेस सचिव हैरिसन फील्ड्स ने कहा, कट्टरपंथी वामपंथी धारा के विपरीत जा सकते हैं और लोगों की प्रबल इच्छा को अस्वीकार करने का विकल्प चुन सकते हैं, या फिर वे राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।

कनेक्टिकट के अटॉर्नी जनरल विलियम टोंग ने कहा कि यह मुकदमा उनके लिए व्यक्तिगत है। वह जन्मजात अधिकार से अमेरिकी नागरिक और देश के पहले चीनी-अमेरिकी निर्वाचित अटॉर्नी जनरल हैं।

एपी
वॉशिंगटन


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