बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया भारत ने

Last Updated 10 Dec 2024 09:17:47 AM IST

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चरमपंथी बयानबाजी और ¨हसा की घटनाओं से चिंतित भारत ने सोमवार को पड़ोसी देश के साथ अपनी चिंताएं साझा की। एक दिवसीय यात्रा पर ढाका पहुंचे विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया।


बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया भारत ने

उन्होंने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। मिस्री ने बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन और विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन के साथ अपनी बैठकों के दौरान नई दिल्ली की चिंताएं उन्हें बताईं।

हुसैन के साथ बैठक के बाद मिस्री ने कहा, हमें हाल के कुछ घटनाक्रमों और मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला और मैंने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित चिंताओं से उन्हें अवगत कराया।

विदेश सचिव ने कहा, हमने सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की कुछ अफसोसजनक घटनाओं पर भी चर्चा की। हम बांग्लादेश के अधिकारियों से इन सभी मुद्दों पर समग्र रूप से रचनात्मक नजरिए की अपेक्षा करते हैं और हम रिश्तों को सकारात्मक, दूरदर्शी और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।

उन्होंने कहा कि मैंने सोमवार को बांग्लादेश सरकार के अंतरिम अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया है। भारतीय विदेश सचिव ने बताया कि इससे पहले दिन में आयोजित विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा और परामर्श हुआ।

भारत ने लगातार ¨हदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों के खिलआफ धमकियों और टारगेटेड हमलों के मुद्दे को बांग्लादेश सरकार सामने मजबूती से उठाया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पिछले महीने बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद कहा था, इस मामले पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है।

अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

आईएएनएस
ढाका


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