कभी 'जिन' की खोज के लिए मिला था नोबेल, अब जिन में मिला Micro RNA

Last Updated 08 Oct 2024 01:19:16 PM IST

दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा सम्मानित इनाम नोबेल पुरस्कार है!


इस बार मेडिसिन के लिए जिन वैज्ञानिकों को यह नोबेल प्राइज मिला है, उन्होंने एक ऐसी खोज की है जो जिन के अन्दर पाए जाते हैं। अमेरिका के रहने वाले इन वैज्ञानिकों का नाम, विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन है। उन्होंने MicroRNA (miRNAs) की खोज की थी। बहुतों को पता होगा कि हमारे शरीर में 37.2 ट्रिलियन कोशिकाएं, यानी 37.20 लाख करोड़। उसके बाद हर कोशिका में 20 हजार जीन। इनके अंदर हजारों की संख्या में माइक्रो-आरएनए (MicroRNA)।

इन दोनों वैज्ञानिकों ने बहुत सूक्ष्म चीज खोजी है। वो भी आज नहीं 1993 में। इनकी खोज के लिए इन दोनों वैज्ञानिकों को 8.91 करोड़ रुपए का पुरस्कार मिला। पर इनकी खोज से आम इंसान को क्या फायदा हो रहा है या भविष्य में होगा? क्योंकि इस खोज का मतलब तभी है, जब इसका लाभ इंसानों या अन्य जीवों को मिल सके।1901 से 2024 से अब तक फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 229 वैज्ञानिकों को 115 पुरस्कार दिए गए हैं। उसमें सबसे कम उम्र वाला वैज्ञानिक 31 साल और सबसे बुजुर्ग 87 साल का है। 39 बार तीन लोगों को संयुक्त रूप से मिला है जबकि 36 बार दो लोगों को संयुक्त रूप से और 40 बार एक ही वैज्ञानिक को यह अवॉर्ड मिला है।
इंसानों समेत सभी उन जीवों में जिनमें कई तरह की कोशिकाएं पाई जाती हैं, उनके विकास के लिए, बीमार होने के लिए, ठीक होने के लिए यहां तक की उनके स्वस्थ जीवन के लिए MicroRNAs जरूरी हैं। फिलहाल इस खोज से कोई मेडिकल फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि ये बहुत कठिन, जटिल और दुर्लभ प्रक्रिया है।

नोबेल कमेटी फॉर फिजियोलॉजी ऑर मेडिसिन की वाइस चेयर ओले कांपे ने कहा कि अभी इसका कोई मेडिकल एप्लीकेशन नहीं है, लेकिन कोशिका काम कैसे करती है, क्या करती है, किस तरह से करती है, यह समझने के लिए इनकी खोज जरूरी थी, लेकिन भविष्य में यह खोज बहुत काम आने वाली है। कांपे ने बताया कि MicroRNAs की एक्टीविटी में अगर असंतुलन आता है, तो आपके शरीर में ट्यूमर बन सकता है। कैंसर हो सकता है। जीन्स में म्यूटेशन हो सकता है।  जिससे सुनने की बीमारियां, देखने की बीमारियां, हड्डियों की बीमारियां या मिर्गी हो सकता है। ऐसे में भविष्य में इनकी जांच करके, इन्हीं माइक्रो-आरएनए को सुधार कर इन बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।

 

 

सहारा समय लाईव
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment