सीरियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि लेबनान के यूनीन क्षेत्र में इजरायली हवाई हमले में 23 सीरियाई शरणार्थी मारे गए। मृतकों में ज्दायातर महिलाएं और बच्चे थे।
|
मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि यह हमला मत्राबा बॉर्डर अटैक से कुछ घंटे पहले हुआ।
लेबनान और सीरिया के बीच मत्राबा बॉर्डर पर हुए इजरायली हमले में हिंसा से बचने के लिए भाग रहे कई शरणार्थी घायल हो गए थे।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में इजरायल पर जानबूझकर निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया।
विदेश मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय कानून, मानवीय कानून और मानवाधिकारों के प्रति इजरायल की 'घोर उपेक्षा' की निंदा की।
मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह अंतर्राष्ट्रीय कानून के बार-बार उल्लंघन के लिए इजरायल को जवाबदेह ठहराए और क्षेत्र में हिंसा को और बढ़ने से रोके।
इजरायल लगातार लेबनान में एयर स्ट्राइक कर रहा है। उसका दावा है कि वह हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है।
इजरायल ने गुरुवार को इस बात से इनकार किया कि वह लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह और लेबनानी राजनीतिक दलों के साथ युद्धविराम पर सहमत हो गया है।
एक बयान में इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने कहा कि "युद्धविराम संबंधी रिपोर्ट असत्य है।" बता दें इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच अमेरिका और सहयोगी देशों ने 21 दिनों के युद्धविराम की अपील की थी।
सोमवार से, इजरायल ने लेबनान में बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए हैं। इन हमलों की वजह से 650 से अधिक मौतें हुई हैं और 2,000 से अधिक घायल हुए हैं।
लेबनान के पर्यावरण मंत्री नासिर यासीन ने बुधवार को कहा कि बमबारी के कारण इस सप्ताह 150,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हालिया संघर्ष का कारण पिछले दिनों लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी को निशाना बनाकर किए गए रहस्यमय विस्फोट हैं। इनमें कई लोग मारे गए और हजारों की संख्या में लोग घायल हो गए।
हिजबुल्लाह ने इन विस्फोटों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि इजरायल ने धमाकों की जिम्मेदारी नहीं ली।
| | |
|