संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लेबनान में हिजबुल्लाह और इजरायली बलों के बीच सीमा पार गोलीबारी में वृद्धि और आतंकवादी समूह के सदस्यों को निशाना बनाने वाले घातक वायरलेस डिवाइस विस्फोटों के बाद आपातकालीन सत्र की बैठक की।
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स्थानीय समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक और शांति स्थापना मामलों की अवर महासचिव रोजमेरी डिकार्लो ने शुक्रवार को कहा कि लेबनान और इजरायल के बीच की सीमा पर लगभग एक साल से हर दिन हिंसा हो रही है, जो बहुत चिंताजनक है।
उन्होंने कहा, "दोनों तरफ से गोलीबारी यह संघर्ष विराम के निर्देश का बार-बार उल्लंघन है। यह सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का उल्लंघन है।"
लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बो हबीब ने कहा, "इस आतंकवादी आक्रमण के माध्यम से इजरायल ने अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। इस हमले में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया है।"
विदेश मंत्री ने पूछा, "जब निर्दोष लोग अपने दैनिक जीवन में व्यस्त हों और मोर्चे पर न लड़ रहे हों, तब उन पर हमला करना क्या आतंकवाद नहीं है?"
अरब समूह की ओर से संयुक्त राष्ट्र में सीरिया के स्थायी प्रतिनिधि कौसे अल्दह्हाक ने कहा है कि हाल के विनाशकारी हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून या मानवता का ख्याल किए बिना अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि अरब समूह सुरक्षा परिषद से मांग करता है कि वह इस साइबर आतंकवाद तथा गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इजरायल के आक्रमणों और सीरिया सहित अन्य देशों पर हमलों की निंदा करे।
सीरिया के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि सीरिया लेबनानी लोगों के खिलाफ आक्रामकता और जारी आतंकवाद की निंदा करता है।
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनन ने कहा कि उनका देश युद्ध नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर को जब दक्षिण में इजरायली नागरिकों का हमास द्वारा 'कत्लेआम' किया जा रहा था, तब हिजबुल्लाह ने उत्तर में नागरिकों पर सैकड़ों रॉकेट दागे।
उन्होंने कहा कि तब से अब तक इजरायल पर 8,000 से अधिक रॉकेट 'बरसे' हैं, जिनमें 46 लोग मारे गए हैं और 294 अन्य घायल हुए हैं। डैनन ने कहा कि इजरायल का उद्देश्य 'हमारी उत्तरी सीमाओं पर सुरक्षा बहाल करना' और 'हमारे लोगों को घर वापस लाना' है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा, "हम ब्लू लाइन पर बढ़ते तनाव से बहुत चिंतित हैं, जिसमें आज बेरूत में हुआ घातक हमला भी शामिल है।"
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