मैक्सिको के राष्ट्रपति ने उनका वीडियो हटाने के लिये ‘यूट्यूब’ की आलोचना की
मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर (Mexican President Andres Manuel Lopez Obrador) ने अपनी नियमित प्रेस वार्ता के उस हिस्से को हटाने के लिए सोशल मीडिया मंच ‘यूट्यूब’ की सोमवार को एक बार फिर आलोचना की, जिसमें उन्होंने एक पत्रकार के फोन नंबर का खुलासा किया था।
![]() मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर |
ओब्रेडोर ने कहा कि मैक्सिको में (सोशल मीडिया) मंच पर “रूढ़िवादियों ने कब्जा कर लिया है।’’ उन्होंने इस पर सेंसरशिप का आरोप लगाया और दावा किया कि यूट्यूब ‘‘पूरी तरह से गिरावट’’ की ओर अग्रसर है।
उनके इस बयान ने सोशल मीडिया के साथ मैक्सिको के राष्ट्रपति के खट्टे-मीठे संबंधों में नया अध्याय जोड़ा है। ओब्रेडोर के यूट्यूब चैनल के 42 लाख सब्सक्राइबर हैं और राष्ट्रपति अपने संवाददाता सम्मेलनों में सोशल मीडिया ब्लॉग तथा समाचार साइटों को प्राथमिकता देते हैं तथा अक्सर उन्हीं के सवालों का जवाब देते हैं।
प्रेस स्वतंत्रता के पैरोकार समूहों ने कहा कि बृहस्पतिवार को न्यूयॉर्क टाइम्स के एक रिपोर्टर का फोन नंबर सार्वजनिक करने का राष्ट्रपति का निर्णय आलोचनात्मक रिपोर्टिंग को दंडित करने का एक प्रयास था और रिपोर्टर को संभावित रूप से खतरे में डालता है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब ओब्रेडोर ने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की उस खबर पर आपत्ति जताई जिसमें दावा किया गया था कि उनके करीबी लोगों ने 2018 के चुनाव से कुछ समय पहले और फिर उनके राष्ट्रपति बनने के बाद मादक पदार्थ तस्करों से पैसे लिए थे।
आम चलन के तहत पत्रकार ने ओब्रेडोर के प्रवक्ता को एक पत्र भेजकर खबर प्रकाशित होने से पहले उस पर राष्ट्रपति की टिप्पणी मांगी थी और अपना टेलीफोन नंबर भी पत्र में लिखा था।
उस दिन अपनी दैनिक प्रेस वार्ता में राष्ट्रपति ने पत्र को एक बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया और उसे पत्रकार के फोन नंबर सहित ऊंची आवाज में पढ़ा।
मैक्सिको का कानून हालांकि अधिकारियों को लोगों के बारे में व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करने से रोकता है लेकिन ओब्रेडोर ने कहा, “मैक्सिको के राष्ट्रपति का राजनीतिक और नैतिक अधिकार उस कानून से ऊपर है।”
वहीं यूट्यूब ने एक बयान में कहा, “उत्पीड़न (के खिलाफ) हमारी नीतियां उस सामग्री पर सख्ती से रोक लगाती हैं जो किसी के फोन नंबर सहित उसकी व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी का खुलासा करती है।’’
बयान में कहा गया है कि समीक्षा करने पर यूट्यूब चैनल के उस वीडियो को हटा दिया गया है जो नीति का उल्लंघन करता पाया गया।
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