प्रधानमंत्री प्रचंड के पशुपतिनाथ मंदिर जाने पर नेपाल में मचा बवाल
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने पर नेपाल के वरिष्ठ राजनेताओं ने रविवार को सवाल उठाया और इसे ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया।
नेपाली राजनेताओं ने प्रधानमंत्री प्रचंड के पशुपतिनाथ मंदिर जाने पर सवाल उठाया |
प्रधानमंत्री प्रचंड ने शनिवार को वित्त मंत्री प्रकाश शरण महत और विदेश मंत्री एनपी सौद सहित अन्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान के दर्शन किये थे।
नेपाल में बागमती नदी के तट पर बना पशुपतिनाथ मंदिर यूनेस्को विरासत स्थल है। 68 वर्षीय कट्टरपंथी कम्युनिस्ट नेता प्रचंड पहली बार पशुपतिनाथ मंदिर गए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई ने कहा कि इस प्रकार के दौरे को राजनीति से प्रेरित माना जा सकता है।
भट्टाराई ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘‘जब प्रधानमंत्री और पूरा कैबिनेट एक धार्मिक स्थल पर एक साथ जाते हैं तो, वह राजनीतिक मोड़ ले ही लेता है और स्वाभाविक रूप से सवाल उठने लगते हैं।’’
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के अध्यक्ष राजेन्द्र लिंगडेन ने भारत का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री स्वयं मंदिर गए होते तो यह प्रशंसा योग्य होता, लेकिन अगर वह सबको खुश करने के लिए वहां जा रहे हैं तो यह नेपाल के लिए विध्वंसकारी है।’’
समाचार पोर्टल ‘खबरहब डॉट कॉम’ के अनुसार, प्रधानमंत्री सचिवालय का कहना है कि प्रचंड सिर्फ निरीक्षण के लक्ष्य से पशुपतिनाथ मंदिर गए थे।
गौरतलब है कि 31 मई से तीन जून तक भारत यात्रा के दौरान प्रचंड मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में महाकालेश्वर मंदिर गए थे। जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और 108 रूद्राक्षों की माला भगवान को अर्पित की।
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