नाराज फ्रांस ने अमेरिका-आस्ट्रेलिया से अपने राजदूत वापस बुलाए
अमेरिका के सबसे पुराने सहयोगी देश फ्रांस ने अप्रत्याशित रूप से गुस्सा जताते हुए अमेरिका से अपने राजदूत फिलिप एटियेन को शुक्रवार को वापस बुला लिया।
फ्रांसीसी विदेश मंत्री ज्यां इव लि द्रीयां |
दोनों देशों के बीच 18वीं सदी की क्रांति के दौरान बने संबंधों में दरार आती नजर आ रही है।
दरअसल, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने नया हिंद-प्रशांत सुरक्षा गठबंधन बनाने में फ्रांस को छोड़ दिया है। फ्रांस के विदेश मंत्रालय के अनुसार यह पहली बार है जब उसने अमेरिका से अपने राजदूत को वापस बुलाया है। उसने आस्ट्रेलिया से भी अपने राजदूत ज्यां पियरे थेबॉल्ट को वापस बुलाया है।
फ्रांसीसी विदेश मंत्री ज्यां इव लि द्रीयां ने एक लिखित बयान में कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के अनुरोध पर लिया गया यह फैसला आस्ट्रेलिया और अमेरिका द्वारा की गई ‘घोषणा की असाधारण गंभीरता को देखते हुए न्यायोचित’ है।
विदेश मंत्री ने कहा कि समझौता खत्म करने का आस्ट्रेलिया का फैसला ‘सहयोगियों और साझेदारों के बीच अस्वीकार्य बर्ताव’ है। गौरतलब है कि फ्रांस और आस्ट्रेलिया के बीच डीजल पनडुब्बियों के निर्माण के लिए करीब 100 अरब डालर का सौदा हुआ था।
नई ऑकस पहल की शतरे के तहत ऑस्ट्रेलिया के लिए डीजल पनडुब्बियों के निर्माण का यह सौदा समाप्त हो जाएगा, जिससे फ्रांस नाखुश है। आस्ट्रेलिया में फ्रांस के राजदूत ज्यां पियरे थेबॉल्ट ने कहा कि आस्ट्रेलिया ने कभी यह जिक्र नहीं किया था कि यह परियोजना रद्द की जा सकती है। मैक्रों ने अभी राजदूत को वापस बुलाने के मुद्दे पर टिप्पणी नहीं की है। चार साल के उनके कार्यकाल में यह विदेश नीति का सबसे साहसी कदम बताया जा रहा है।
फ्रांसीसी अधिकारियों के संपर्क में है अमेरिका
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली हार्न ने कहा कि जो बाइडन प्रशासन फिलिप एटियेन को पेरिस वापस बुलाने के फैसले को लेकर फ्रांसीसी अधिकारियों के करीबी संपर्क में है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हम उनकी स्थिति समझते हैं और हम अपने मतभेदों को दूर करने के लिए आने वाले दिनों में काम करते रहेंगे, जैसा कि हमने हमारे लंबे गठबंधन के दौरान कई मौकों पर किया है। फ्रांस हमारा सबसे पुराना सहयोगी और मजबूत साझेदारों में से एक है। हमारा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और वैिक चुनौतियों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करने का लंबा इतिहास रहा है।’’
आस्ट्रेलिया ने जताया खेद
आस्ट्रेलिया ने फ्रांस द्वारा अपने राजदूत को वापस बुलाए जाने पर शनिवार को खेद जताया। आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिस पायने के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘अटैक क्लास परियोजना पर फैसले के बाद विचार-विमर्श के लिए आस्ट्रेलिया से अपने राजदूत को वापस बुलाने के फ्रांस के निर्णय पर हम खेद जताते हैं।’
बयान में कहा गया है, ‘‘आस्ट्रेलिया अपने फैसले को लेकर फ्रांस की गहरी निराशा को समझता है। हमने यह फैसला अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को देखते हुए लिया है।’’ इसमें कहा गया है कि फ्रांस के साथ अपने रिश्ते को आस्ट्रेलिया अहमियत देता है और भविष्य में एक साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करता है।
| Tweet |