इराक में अमेरिकी एयरबेस पर 10 रॉकेटों से हमला
इराक के अंबर प्रांत में अमेरिकी सेना के नेतृत्व वाले गठबंधन बलों के एक एयरबेस पर बुधवार को कम से कम 10 रॉकेट दागे गए।
![]() इराक में अमेरिकी एयरबेस पर रॉकेट हमला, कोई हताहत नहीं |
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्वाइंट ऑपरेशंस कमांड के एक बयान में कहा गया है कि 10 कत्युशा रॉकेटों को आयन अल-असद एयरबेस पर दागा, जबकि इराकी बलों ने रॉकेट लॉन्चर को जब्त कर लिया। इस हमले में हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ।
कंबाइंड ज्वाइंट टास्क फोर्स के प्रवक्ता वेन मारतो ने एक ट्वीट में कहा कि शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 रॉकेटों ने सुबह करीब 7.20 बजे एयरबेस को निशाना बनाया।
इस बीच, एक प्रांतीय सुरक्षा सूत्र ने सिन्हुआ को बताया कि बगदाद से लगभग 190 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बगदाद शहर के पूर्व में अल-बियादेर गांव से एयरबेस पर लगभग 12 कात्युशा रॉकेट दागे गए।
सूत्र ने कहा कि सुरक्षा बलों को गांव में छोड़े गए ट्रक पर रॉकेट लांचर मिला।
किसी भी समूह ने अब तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
मारोट्टो ने बताया कि इराकी सुरक्षा बल इस हमले की जांच का नेतृत्व कर रहे हैं।
बाद में, इराकी सेना ने एक बयान में कहा कि हमले में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ और सुरक्षा बलों ने मिसाइलों के लिए इस्तेमाल किए गए लॉन्च पैड का पता लगा लिया है।
इराकी सेना के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि अनबार के अल-बगदादी में एक जला हुआ ट्रक मिला है। वीडियो में एक सुनसान जगह पर जल रहा मध्यम आकार का ट्रक नजर आ रहा है। यह जगह ऐन अल-असद सैन्य हवाईअड्डे से करीब पांच मील (आठ किलोमीटर) दूर है।
अमेरिका ने पिछले सप्ताह सीरिया-इराक की सीमा के पास ईरान-समर्थित मिलिशिया संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए थे, जिसमें मिलिशिया के एक सदस्य की मौत हो गई थी। अमेरिका के उस हमले के बाद यह पहला हमला है। अमेरिकी हमले के बाद से जवाबी हमले की आशंका जताई जा रही थी ।
पिछले साल बगदाद हवाईअड्डे के बाहर अमेरिका के हमले में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। बुधवार को उसी सैन्य अड्डे को निशाना बनाया गया, जिस पर सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए पिछले साल जनवरी में ईरान ने मिसाइलों से हमला किया था। उसमें कई अमेरिकी घायल हो गये थे।
इराक में ब्रिटिश राजदूत ने इस हमले कींिनदा की और ट्वीट किया,‘‘ गठबंधन बल इराक में इराक सरकार के निमंतण्रपर दाएश का मुकाबला करने के लिए हैं। इन आतंकवादी हमलों से दाएश के खिलाफ संघर्ष कमजोर हेागा एवं इराक अस्थिर हेागा।’’
दाएश शब्द इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इस सैन्य अड्डे पर डेनमार्क के भी सैनिक थे। डेनमार्क ने इस हमले कींिनदा करते हुए कहा कि ऐन अल असद पर गठबंधन बल इराकी सरकार के अनुरोध पर आए थे, ताकि देश में स्थिरता कायम हो सके और देश की सुरक्षा हो सके।
डेनमार्क के विदेश मंत्री जेप्पे कोफोद ने ट्वीट किया, ‘‘इराक में ऐन अल असद सैन्य अड्डे पर निंदनीय हमले पूर्णतय: अस्वीकार्य हैं।’’
यह रॉकेट हमला ऐसे समय में हुआ है, जब दो दिन बाद पोप फ्रांसिस इराक की यात्रा पर आने वाले हैं और इस दौरान उनका बगदाद, दक्षिणी इराक और इरबिल जाने का कार्यक्रम है।
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