क्वाड गठबंधन समावेशी वार्ता के लिए घातक: रूस
रूस ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत के दृष्टिकोण का सोमवार को समर्थन किया, लेकिन क्वाड गठबंधन की यह कहते हुए आलोचना की कि यह इस क्षेत्र में स्थायी शांति एवं स्थायित्व के वास्ते समावेशी वार्ता के लिए घातक होगा।
क्वाड गठबंधन समावेशी वार्ता के लिए घातक: रूस |
अमेरिका, भारत, जापान और आस्ट्रेलिया के क्वाड गठबंधन का लक्ष्य मुक्त, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करना है। चीन ने निरंतर इस क्वाड गठबंधन को इस समुद्री क्षेत्र में उसे काबू में रखने की प्रणाली समझा है।
रूसी राजदूत निकोलय कुदाशेव ने यहां मीडिया ब्रीफिंग के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि रूस भारत एवं चीन के बीच वार्ता में वृद्धि का स्वागत करेगा और वह आशा करता है कि दोनों पक्षों के बीच रिश्ते भारत-रूस संबंध के स्तर तक पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘हम (भारत और रूस) विशिष्ट एवं विस्त रणनीतिक साझेदार हैं। असल में मेरा सपना है और मेरी इच्छा भी है कि चीन के साथ आपका भी संबंध उसी स्तर तक पहुंचे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यह चीन के साथ हमारे संबंधों की भावी प्रगति तथा क्षेत्रीय स्थायित्व एवं सुरक्षा के लिए अहम है।’’
कुदाशेव की इस टिप्पणी से दो सप्ताह पहले रूसी विदेश मंत्री ने पश्चिमी शक्तियों पर हिंद-प्रशांत रणनीतियों को बढ़ावा देते हुए ‘चीन विरोधी खेल’ में भारत को शामिल करने और ‘आक्रामक एवं कुटिल’ नीति अपनाने का आरोप लगाया था। रूसी राजदूत ने कहा कि रूस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हिंद-प्रशांत महासागर पहल’ से कोई दिक्कत नहीं है, जबकि रूसी मिशन के उपप्रमुख रोमन बाबूशकिन ने कहा कि उनका देश इस क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करता है। पिछले साल बैंकाक में पूर्व एशिया सम्मेलन में मोदी ने समुद्री क्षेत्र के संरक्षण और सतत इस्तेमाल तथा सुरक्षित समुद्री क्षेत्र के निर्माण के वास्ते सार्थक प्रयास करने के लिए हिंद-प्रशांत महासागर पहल की स्थापना का प्रस्ताव दिया था।
बाबूशकिन ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा , ‘‘हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियंत्रण एवं पृथक्करण पैदा करने की कुछ देशों की कोशिशों से जूझ रहे हैं, जो आसियान केंद्रीकरण एवं आसियान एकता जैसे क्षेत्रीय सहयोग के मूलभूत सिद्धांतों पर खतरा पैदा करेगा। क्वाड गठबंधन इस क्षेत्र में समावेशी वार्ता के लिए घातक होगा।’’ कुदाशेव ने कहा कि रूस हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए ‘एकीकरण एजेंडा’ पेश कर रहा है, जो इस क्षेत्र में रूसी दृष्टिकोण, चीनी दृष्टिकोण, भारतीय दृष्टिकोण को साथ ला सकता है। बाबूशकिन ने कहा, ‘‘ इस पहल (क्वाड गठबंधन) के विपरीत रूस समावेशी एवं अविभाजित क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए सभी देशों के प्रति समानता एवं सम्मान के आधार पर व्यापक क्षेत्रीय संवाद एवं एकजुट एजेंडा का आह्वान करता है।’’ उन्होंने कहा कि रूस इस मुद्दे पर भारत के साथ संवाद जारी रखने के प्रति आशान्वित है और उनका देश भारत के बढ़ते क्षेत्रीय एवं वैश्विक कद में उसका सबसे बड़ा शुभेच्छु है। अपने बयान में कुदाशेव ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर की हाल की रूस यात्रा का भी उल्लेख किया।
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