1971 में मारे गए लोगों को अर्पित करें श्रद्धांजलि : तिरुमूर्ति

Last Updated 10 Dec 2020 02:31:02 AM IST

संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को मनाए गए ‘अंतरराष्ट्रीय नरसंहार पीड़ित दिवस’ के दौरान भारत ने 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान की सेना और धार्मिक मिलिशिया द्वारा मारे गए तीस लाख लोगों और बलात्कार का शिकार हुईं हजारों महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का आह्वान किया और इसे ‘मानव इतिहास की सबसे भयावह घटना’ बताया।


संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (file photo)

पाकिस्तान की सेना ने 1971 में 25 मार्च की आधी रात को पूर्ववर्ती पूर्वी पाकिस्तान में अचानक धावा बोल दिया था जो युद्ध की शुरुआत थी। 16 दिसम्बर को पाकिस्तान के हार स्वीकार कर लेने और ढाका में बंगाली स्वतंत्रता सेनानियों एवं भारतीय सेना के समक्ष बिना शर्त आत्मसमर्पण करने के साथ युद्ध का अंत हुआ था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक नौ महीने चली जंग में 30 लाख लोग मारे गए थे।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने हैशटैग ‘प्रिवेंट जेनोसाइड’ के साथ ट्वीट किया, ‘नौ दिसम्बर को संयुक्त राष्ट्र का अंतरराष्ट्रीय नरसंहार पीड़ित दिवस है। 1971 में हुए मानव इतिहास के सबसे भयावह घटनाक्रम में पाकिस्तानी सेना और धार्मिक मिलिशिया द्वारा पूर्ववर्ती पूर्वी पाकिस्तान में मारे गए 30 लाख लोगों और बलात्कार की शिकार हुईं 2,00,000 या अधिक महिलाओं को आएं इस दिन श्रद्धांजलि देते हैं। काश ऐसा अब कभी न हो।’

भाषा
संयुक्त राष्ट्र


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