66 देशों ने शून्य कार्बन उत्सर्जन का जताया संकल्प

Last Updated 24 Sep 2019 03:17:02 AM IST

पेरिस समझौते को फिर बल देने के लिए संयुक्त राष्ट्र में करीब 66 देशों के नेता सोमवार को ‘जलवायु आपदा’ शिखर सम्मेलन के लिए साथ आए।


66 देशों ने शून्य कार्बन उत्सर्जन का जताया संकल्प (file photo)

यह सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है जब वायुमंडल में हरित गैसों का उत्सर्जन सार्वकालिक उच्च स्तर पर है।
भीषण लू से लेकर तूफान और चक्रवात से लेकर महासागरों में बढ़ती अम्लता यह सब बढ़ते वैश्विक तापमान के प्रभाव हैं जिन्हें पहले से कहीं ज्यादा महसूस किया जा सकता है। यह तब हो रहा है जब वैज्ञानिकों ने इस विनाशक्रम को रोकने के लिए कार्बन उत्सर्जन को घटाने की मांग की है। इस दिशा में अब तक की गई कार्रवाई के बावजूद यह अंतर बढ़ ही रहा है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत से पहले एक बयान में कहा, जलवायु आपदा एक ऐसी दौड़ है जिसमें हम पिछड़ रहे हैं, लेकिन यह ऐसी दौड़ है जिसे हम जीत सकते हैं। इस सम्मेलन में घोषणा की गई कि 66 राष्ट्रों ने 2050 तक शून्य कॉर्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की मंशा जताई है। इसे जलवायु परिवर्तन के दीर्घकालिक प्रभावों को रोकने की दिशा में अहम लक्ष्य माना जा रहा है। अभी सिर्फ 20 देशों ने अपने राष्ट्रीय कानून में इसे शामिल किया है या इसे लागू करने के लिए ठोस नीतियां बनाई हैं। यूरोपीय संघ को इस बारे में 2020 तक सदस्य देशों के बीच आम सहमति बनने की उम्मीद है। एक अन्य शुरुआती घोषणा में फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों ने वष्रावनों के संरक्षण को अहम मुद्दा बनाते हुए चिली, कोलंबिया और बोलीविया के अपने समकक्षों को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया जिसमें 50 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त कोष की व्यवस्था विश्व बैंक, अंतर अमेरिकी विकास बैंक और गैर लाभकारी कन्जव्रेशन इंटरनेशनल के जरिये की गई है।
यह शिखर सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है जब युवाओं के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन को लेकर नए सिरे से अलख जलती दिख रही है और इसकी प्रतीक बनकर उभरी है स्वीडेन की किशोरी ग्रेटा थनबर्ग जो गुटेरेस के संबोधन के बाद सुबह मंच संभालेगी।

एएफपी
संयुक्त राष्ट्र


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