मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का किया आह्वान

Last Updated 23 Sep 2019 12:55:50 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को हाउडी मोदी कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में आतंकवाद के खिलाफ ‘‘निर्णायक लड़ाई’’ का आह्वान किया और पाकिस्तान का नाम लिये बिना उसे अमेरिका में 9:11 से लेकर मुंबई के 26:11 आतंकी हमले के लिये जिम्मेदार ठहराया।


ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम में भारत के प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी संबोधित करते हुए।

मोदी ने भारतीय मूल के लोगों से खचाखच भरे एनआरजी स्टेडियम में पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि भारत जो विकास कार्य कर रहा है, उससे कुछ लोगों की दिक्कत हो रही है।
उन्होंने पाकिस्तान के शासकों की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘जिनसे खुद अपना देश नहीं संभलता, इन लोगों ने भारत के प्रति अपनी नफरत को अपनी राजनीति का केंद्र बना दिया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये वो लोग हैं जो अशांति चाहते हैं, आतंक के समर्थक है, आतंक को पालते पोसते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी पहचान आप भी अच्छी तरह जानते हैं। अमेरिका में 9/11 हो या मुम्बई में 26/11 उसके साजिशकर्ता कहां पाये जाते है?’’
अमेरिकी राष्ट्रपति की मौजूदगी में मोदी ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ और आतंकवाद को बढावा देने वालों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए। मैं यहां पर जोर देकर कहना चाहूंगा कि इस लड़ाई में राष्ट्रपति ट्रंप पूरी मजबूती के साथ आतंक के खिलाफ खड़े हुए हैं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में यह बात ऐसे समय में कही है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के सम्मेलन में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे हैं। इमरान की भी ट्रंप से मुलाकात होने वाली हैं।
मोदी ने कहा कि भारत में बहुत कुछ हो रहा है, बहुत कुछ बदल रहा है और बहुत कुछ करने के इरादे लेकर हम चल रहे हैं। हमने नए चुनौतियां तय करने की, उन्हें पूरा करने की एक जिद ठान रखी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को सपरिवार भारत आने का न्यौता भी दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि भारत ने अनुच्छेद 370 को ‘‘फेयरवेल’’ दे दिया है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 का फायदा अलगवावाद ताकते उठा रही थी, अब जम्मू कश्मीर के लोगों को भी भारत के अन्य क्षेत्र के लोगों के समान अधिकार दे दिये गए हैं।
ह्यूस्टन में एनआरजी स्टेडियम में मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत पहले के मुकाबले और तेज गति से आगे बढना चाहता है। भारत कुछ लोगों की इस सोच को चुनौती दे रहा है, जिनकी सोच है कि कुछ बदल ही नहीं सकता। बीते पांच सालों में 130 करोड़ भारतीयों ने हर क्षेत्र में ऐसे नतीजे हासिल किए हैं जिनकी पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।’’
इससे पहले ट्रंप ने आतंकवाद की चर्चा करते हुए कहा, ‘‘हम निदरेष नागरिकों की कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद के खतरे से रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका समझते हैं कि अपने समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए हमें अपनी सीमाओं की रक्षा करनी होगी। सीमा सुरक्षा भारत और अमेरिका दोनों, के लिए महत्वपूर्ण है, यह हम समझते हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘हम किसी दूसरे से नहीं बल्कि खुद से मुकाबला कर रहे हैं। हम अपने को बदल रहे हैं क्योंकि भारत में ‘विकास’ आज सबसे चर्चित शब्द बन गया है। धैर्य हम भारतीयों की पहचान है लेकिन अब हम विकास के लिये अधीर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम बड़ा लक्ष्य रखते हैं और बड़ी उपलब्धि हासिल कर रहे हैं।’’ उन्होंने सरकार की जन कल्याण योजनाओं एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की ओर से उठाये गए कदमों का उल्लेख भी किया। उन्होंने 2 अक्तूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर देश के खुले में शौच से मुक्त होने के लक्ष्य को हासिल करने का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक भी भारतीय विकास के लाभ से वंचित रहे, यह भी भारत को मंजूर नहीं है। विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों को मिलना चाहिए।
मोदी ने कहा कि सबसे बड़ा मंत्र है- सबका साथ-सबका विकास, भारत की सबसे बड़ी नीति है- जन भागीदारी, भारत का सबसे प्रचलित नारा है- संकल्प से सिद्धि और भारत का सबसे बड़ा संकल्प है- न्यू इंडिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अलग-अलग पंथ, संप्रदाय, सैकड़ों तरह का अलग-अलग क्षेत्रीय खान-पान, अलग-अलग वेशभूषा और अलग-अलग मौसम एवं ऋतु चक्र भारत को अद्भुत बनाते हैं। मोदी ने कहा, ‘‘सदियों से हमारे देश में सैकड़ों भाषाएं, सैकड़ों बोलियां, सहअस्तित्व की भावना के साथ आगे बढ रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत की अलग अलग भाषाएं और उदार एवं लोकतांत्रिक समाज हमारी पहचान है। अलग अलग भाषा, अलग अलग पंथ, पूजा पद्धति, वेषभूषा इस धरती को अद्भुत बनाये हुए हैं।
एनआरजी स्टेडियम में 50 हजार से अधिक संख्या में मौजूद अमेरिकी भारतीय समुदाय के लोगों की उपस्थिति में मोदी ने कहा, विविधता में एकता ही हमारी धरोहर है और हमारी विशेषता भी। भारत की यही विविधता हमारी विविधतापूर्ण लोकतंत्र का आधार है।यही हमारी शक्ति और प्रेरणा है।’’

भाषा
ह्यूस्टन


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