माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन, 13 लोगों की मौत, कई घायल
विश्व के सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर शुक्रवार को हुए एक भीषण हिमस्खलन में कम से कम 13 नेपाली शेरपा गाइडों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गये.
![]() हिमस्खलन में तेरह नेपाली गाइडों की मौत (फाइल फोटो) |
दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर पर्वतारोहण की इसे सबसे घातक दुर्घटना बताया जा रहा है.
यह हिमस्खलन सुबह करीब 6 बज कर 45 मिनट पर लगभग 5,800 मीटर की ऊंचाई पर ‘पॉपकॉर्न फील्ड’ इलाके में हुआ. यह स्थान दुर्गम ‘खूंबू आइसफॉल’ के रास्ते में पड़ता है.
नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के पर्वतारोहण प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 13 शव बरामद किए गए हैं और इन्हें आधार शिविर लाया गया है. कम से कम सात पर्वतारोही अभी भी लापता बताये जा रहे हैं.
नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के पर्वतारोहण प्रकोष्ठ के अधिकारी तिलक पांडे ने बताया कि नेपाली शेरपा गाइड और पर्वतारोही हिमस्खलन की चपेट में आ गए जो एवरेस्ट स्थित आधार शिविर से कैम्प की ओर बढ़ रहे थे.
उन्होंने बताया, ‘‘ अल्पाइन एसेंट और ‘समिट नेपाल’ समेत छह विभिन्न पर्वतारोहण अभियान के करीब 15 पर्वतारोही थे, जिन्हें हिमस्खलन बहा ले गया.’’
नेपाल के पर्यटन विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि कुछ लापता पर्वतारोहियों को बचा लिया गया है लेकिन कुछ अब भी लापता बताये जा रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय गाइड शुक्रवार की सुबह पर्वतारोहियों के लिए रस्सियां लगाने के लिए और पर्वतारोहियों के लिए रास्ता बनाने के लिए आगे बढ़े थे, तभी हिमस्खलन हुआ.
नेपाल ट्रैकिंग एसोसिएशन ने कहा कि ‘हिमालयन रेस्क्यू एसोसिएशन’, नेपाली सेना, सशस्त्र पुलिस बल के जवान और पर्वतारोही गाइडों के सहयोग से घटनास्थल पर बचाव अभियान में लगे हुये हैं.
कई घायलों को अधार शिविर लाया गया है और उनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है.
तेनजिंग शेरपा और एडमंड हिलेरी के 1953 में माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने के बाद से करीब 4,000 लोगों ने 8,848 मीटर ऊंची इस पर्वत चोटी को फतह किया है.
एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश करते हुए 250 से अधिक लोगों की मौत हुई है. इस साल करीब 300 पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट फतह करने की इजाजत ली है.
करीब 100 शेरपा गाइड और पर्वतारोही हिमस्खलन के स्थान पर फंसे हुए हैं.
इससे पहले एवरेस्ट पर सबसे भीषण हिमस्खलन 11 मई 1996 को दर्ज किया गया था जब आठ पर्वतरोही मारे गए थे.
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