Ahoi Ashtami 2023 : पुत्र की लंबी आयु के लिए किया जाता है अहोई अष्टमी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Ahoi Ashtami 2023: अहोई अष्टमी का व्रत संतान सुख, बच्चे की सलामती के लिए रखा जाता है। जानें अहोई अष्टमी व्रत की डेट, मुहूर्त और पूजन विधि
Ahoi Ashtami 2023 |
Ahoi ashtami vrat 2023 puja vidhi : करवा चौथ के चार दिन बाद अहोई अष्टमी का व्रत आता है। यह कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन किया जाता है। इस व्रत को संतान की लंबी आयु और उसकी मंगल कामना के लिए रखा जाता है। इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर 2023 (Ahoi Ashtami 2023 Date ) को रखा जाएगा।
अहोई अष्टमी का व्रत क्यों करते हैं ? ( kyu karte hai Ahoi ashtmi ka vrat)
कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी या आठे के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत पुत्र की लम्बी आयु और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है। इस दिन पुत्रवती स्त्रियां निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्ध्य देकर कच्चा भोजन खाया जाता है और तारों को करवा से अर्घ्य दिया जाता है। इस व्रत में अहोई देवी की तस्वीर के साथ सेई और सेई के बच्चों के चित्र भी बनाकर पूजे जाते हैं। व्रत के आखिर में कथा सुनना अनिवार्य होता है। कथा सुने बिना अहोई अष्टमी का व्रत पूरा नहीं होता।
व्रत का महत्व (Ahoi Ashtami mahatva )
हिंदू शास्त्रों के अनुसार अहोई अष्टमी का व्रत रखने से अहोई माता खुश होकर बच्चों की लंबी आयु और मंगलमय जीवन का आशीर्वाद देती हैं।
पूजा मुहूर्त (Ahoi ashtami shubh muhurat 2023)
अहोई अष्टमी व्रत 5 नवंबर 2023
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त - शाम 05.33 - शाम 06:52 (5 नवंबर 2023)
तारों को देखने का समय - शाम 05:58 (5 नवंबर 2023)
चंद्रोदय समय - प्रात: 12.02, 6 नवंबर (अहोई अष्टमी का चंद्रमा देर से उदित होता है)
व्रत विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi 2023
- अहोई अष्टमी के दिन पूजा की तैयारी सूर्य अस्त होने से पहले पूरी करनी चाहिए।
- प्रातः काल स्नान करके सबसे पहले घर की दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं।
- उसके बाद एक कलश में पानी भरें और उसके ऊपर करवा चौथ पर इस्तेमाल किया गया करवा रखें।
- अब अपने हाथों में गेहूं लेकर अहोई अष्टमी की व्रत कथा सुने।
- पूजा समाप्त होने के बाद अहोई अष्टमी की आरती करें।
- इसके बाद महिलाएं शाम को चंद्रमा और तारों को जल चढ़ाएं, थोड़ा सा पानी बचा लें।
- अब बचे हुए पानी को दिवाली के दिन पूरे घर में छिड़क दें।
- जल चढ़ाने के बाद अहोई अष्टमी का व्रत पूरा हो जाता है।
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