Navratri 2021: शारदीय नवरात्र शुरू, पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। शैलीपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इसी वजह से मां के इस स्वरूप को शैलपुत्री कहा जाता है।
शारदीय नवरात्र शुरू, पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा |
नवरात्र के दाैरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। इसके बाद विजया दशमी मनाई जाती है। 7 अक्टूबर, गुरुवार यानि की आज से नवरात्रि पर्व की शुरुआत हो रही है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।
मां जगदम्बा दुर्गा के नौ रूप मनुष्य को शांति, सुख, वैभव, निरोगी काया एवं भौतिक आर्थिक इच्छाओं को पूर्ण करने वाले हैं. प्रथम रूप मां शैलपुत्री का है।
माँ अपने बच्चों को हर प्रकार का सुख प्रदान कर अपने आशीष की छाया में बैठाती है। इन नौ दिनों में सभी तन-मन से माता की आराधना करते हैं।
इन नौ दिनों में तीन देवियों पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले तीन दिन पार्वती के तीन स्वरूपों (कुमार, पार्वती और काली), अगले तीन दिन लक्ष्मी माता के स्वरूपों और आखिरी के तीन दिन सरस्वती माता के स्वरूपों की पूजा करते हैं।
नवरात्र के नौ दिनों में आदिशक्ति माता दुर्गा के उन नौ स्वरूपों का भी पूजन किया जाता है। माता के इन नौ रूपों को नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है।
नवरात्र के नौ दिनों मे मां दुर्गा के जिन नौ रूपों का पूजन किया जाता है वे हैं – पहला शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्माचारिणी, तीसरा चन्द्रघन्टा, चौथा कूष्माण्डा, पांचवा स्कन्द माता, छठा कात्यायिनी, सातवां कालरात्रि, आठवां महागौरी, नौवां सिद्धिदात्री।
देवी दुर्गा का पहला स्वरूप: श्री शैलपुत्री--- श्री दुर्गा का प्रथम रूप श्री शैलपुत्री हैं। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण ये शैलपुत्री कहलाती हैं। नवरात्र के प्रथम दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है।
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