US Presidential Election 2024: चुनावी रण से बाहर होंगे बाइडन
अमेरिका की राजनीति में चुनाव से पहले तेजी से बदलाव हो रहे हैं। ताजी अटकलें इस बात को लेकर हैं कि डेमोक्रेट्स के जोरदार दबाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या उन्हें राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होना चाहिए।
अमेरिका : चुनावी रण से बाहर होंगे बाइडन |
खबरें हैं कि इस मामले पर इस सप्ताह के अंत तक बाइडेन की ‘अंतर्रात्मा’ जाग सकती है।
रिपब्लिकन की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के बाद से अमेरिका में जो सियासी उफान पैदा हुआ है, उसके बाद से बाइडेन के लिए मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। इस मामले नया मोड़ तब आया जब पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी सहित पार्टी के दिग्गजों ने चिंता व्यक्त की है। इससे बाइडेन पर बाहर निकलने का दबाव बढ़ गया है। इसकी शुरु आत रिपब्लिकन उम्मीदवार एवं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ उनकी खराब डिबेट के बाद हुई थी। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब खबर आई कि पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने अपने सहयोगियों से कहा है कि बाइडेन को अपने अभियान पर विचार करने की जरूरत है।
नैन्सी पेलोसी ने भी कथित तौर पर यह तर्क दिया है कि बाइडेन शायद ट्रंप को नहीं हरा सकते। ट्रंप पर जानलेवा हमले के बाद अमेरिका की राजनीति में अचानक बहुत कुछ बदल गया। सोशल मीडिया पर चेहरे पर खून लगी ट्रंप की तस्वीरें इस कैप्शन के साथ पोस्ट होने लगीं,‘यह वह फाइटर है जिसकी अमेरिका को जरूरत है।’ ट्रंप पर गोलीबारी की घटना के फौरन बाद बाइडेन की चुनाव अभियान टीम ने ट्रंप के ऊपर दिए गए सभी राजनीतिक बयानों को रोक दिया। बाइडेन की टीम जल्दी-जल्दी अपने टेलीविजन विज्ञापनों को हटाने का काम कर रही है। उनकी टीम स्पष्ट रूप से मानती है कि इस समय ट्रंप पर हमला करना ठीक नहीं होगा। इसलिए वे जो हुआ उसकी निंदा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना से चुनावी ध्रुवीकरण होगा और ट्रंप के पक्ष में सहानुभूति लहर चलेगी।
उधर, बाइडेन ने डिबेट में जिस तरह का प्रदर्शन किया उसे और खराब एक तरह का सेल्फ गोल माना जा रहा है। बाइडेन ये बताने में जुटे दिखे कि वो अभी बूढ़े नहीं हुए हैं, और उनके दिल-दिमाग ठीक काम कर रहे हैं। उनकी सारी कोशिशें बेकार हैं। ट्रंप पर हमले की घटना के बाद जानकर कह रहे हैं कि बाइडेन के लिए यह घटना नुकसानदेह है। वो चुनाव तो हारेंगे ही और डेमोक्रेट्स को भी ले डूबेंगे। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि बाइडेन अधिकांश राज्यों के चुनावों में ट्रंप से पीछे चल रहे हैं। ट्रंप के सहयोगी बाइडेन पर आरोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं। उन्होंने पेंसिल्वेनिया हमले के लिए अमेरिकी ‘वामपंथियों’, मीडिया, डेमोक्रेटिक पार्टी और यहां तक कि खुद बाइडेन को दोषी ठहरा रहे हैं। उन्होंने बाइडेन द्वारा सप्ताह दानदाताओं के साथ एक कॉल पर की गई टिप्पणियों की ओर इशारा किया, जब बाइडेन ने कथित तौर पर कहा, ‘हमने बहस के बारे में बात कर ली हैं, अब ट्रंप को निशाने पर लेने का समय आ गया है।’ ये लोग इस टिप्पणी को हमले से जोड़ रहे हैं।
पूरे मामले में चर्चा यह भी है कि क्या यह हमला प्रायोजित था? ट्रंप पर हमले के कुछ ही मिनटों के भीतर ‘स्टेज्ड’ शब्द सोशल मीडिया पर ट्रेंड बन गया। यह शब्द सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर साजिश की जगह इस्तेमाल हो रहा है। इस शब्द का इस्तेमाल अक्सर किसी हमले या गोलीबारी की सत्यता पर सवाल उठाने के लिए किया जाता है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में इस शब्द ने अन्य विषयों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि एक्स पर ऐसी पोस्टों की बाढ़ गई थी। इस शब्द को अक्सर ब्लू टिक वाले व्यक्तियों द्वारा पोस्ट किया जाता रहा था, जिससे उनके पोस्ट को अधिक प्रमुखता मिलती थी। इनमें से कुछ साजिश सिद्धांत कथित सुरक्षा विफलताओं पर केंद्रित थे।
सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाया कि ऐसा कैसे हो सकता है कि घटना के बाद कुछ हो ही नहीं। यह बहुत ही बनावटी लगता है..घटना के बाद भीड़ में कोई भी भाग नहीं रहा है, और न घबरा रहा है। भीड़ में किसी ने भी वास्तविक बंदूक की आवाज नहीं सुनी। मुझे इस पर भरोसा नहीं है।’ इस पोस्ट को कई मिलियन लोगों ने देखा और हजारों कमेंट आए। बाद में सामने आई तस्वीरों और वीडियो से इन साजिश सिद्धांतों को और भी बल मिला। विशेष रूप से एक तस्वीर में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की मुट्ठी ऊपर उठी हुई दिखाई दे रही है, उनके चेहरे और कान पर खून लगा हुआ है, जबकि पृष्ठभूमि में अमेरिकी झंडा देखा जा सकता है। इन्हीं सब कारणों से बाइडेन के ऊपर चुनाव मैदान से बाहर होने का दबाव इतना बढ़ चुका है कि अब बाकी सब तो दूर ख़्ाुद डेमोक्रेट को भी उनके फैसले का इंतजार है। खबर है कि लोग उन्हें मनाने में जुटे हैं कि वे चुनाव से बाहर होने की घोषणा में अब जरा भी देर न करें।
| Tweet |