उत्तर प्रदेश : काम के तरीकों ने बढ़ाया भरोसा
इस बात में कोई शक-सुबहा नहीं कि भाजपा ने राजनीति करने के तौर-तरीकों को पूरी तरह से बदल डाला है। पारंपरिक तरीकों से चुनाव मैदान में उतरने की परिपाटी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, ने वाकई नया रूप दिया है।
उत्तर प्रदेश : काम के तरीकों ने बढ़ाया भरोसा |
चुनाव में आक्रामकता के साथ योजनाबद्ध होकर उतरने की जो खासियत और काबिलियत भाजपा ने दिखाई है, वह वाकई हैरतअंगेज है। इस पूरे बदलाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका भी बेहद अहम है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूपी के विकास मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा है कि ‘यदि भारत दुनिया में चमक बिखेर रहा है, तो उसमें उत्तर प्रदेश की अग्रणी भूमिका है। आज उत्तर प्रदेश सुशासन, शांति, कानून व्यवस्था और स्थिरता के लिए जाना जाता है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए यूपी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ अपनी ‘सोच और एप्रोच‘ में भी बदलाव किया है।’ यदि निवेश की ही बात करें तो वर्ष 2017-2018 में राज्य के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आंकड़ा 578 हजार करोड़ था; वह वर्ष 2019-2020 में तेजी से बढ़कर 5758 हजार करोड़ हो गया। उत्तर प्रदेश में बढ़ते निवेश की तारीफ करते हुए मोदी जी ने कहा है कि निवेशकों ने उत्तर प्रदेश की युवा शक्ति में विश्वास दिखाया है और यह निवेशकों के साथ- साथ राज्य के लोगों के लिए भी एक जीत की स्थिति होगी। इस ग्राउन्ड ब्रेकिंग समारोह में रिकॉर्ड निवेश से रोज़गार के नए रास्ते खुलेंगे और यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में विश्वास बढ़ रहा है और इसका सबसे ज्यादा फायदा राज्य के युवाओं को होने वाला है।
योगी जी ने भी उत्तर प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ा है; चाहे वह कानून-व्यवस्था हो या आधारभूत संरचनाओं में आमूलचूल सुधार हो या आमजनों को सशक्त बनाने वाली केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को लागू करने की पहल हो अथवा विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी सहायता प्रदान करना हो सर्वत्र राज्य सरकार अत्यंत मुस्तैदी से कार्य कर रही है। इसी का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश में 96 लाख एमएसएमी यूनिट्स कार्य कर रहे हैं, यह देश के राज्यों में सर्वाधिक है। सबसे अधिक एक्सप्रेसवे किसी राज्य में है तो वह उत्तर प्रदेश है, सर्वाधिक चिकित्सा महाविद्यालय वाला राज्य भी उत्तर प्रदेश ही है। बैंक सखी और मुद्रा स्कीम के जरिए महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेमिसाल कार्य हो रहा है। मोदी जी के शब्दों में कहें तो ‘उत्तर प्रदेश में ‘डबल इंजन सरकार’ राज्य के तेजी से विकास के लिए बुनियादी ढांचे, निवेश और विनिर्माण पर काम कर रही है।
एक मजबूत कानून-व्यवस्था की स्थिति ने उत्तर प्रदेश में आर्थिक विश्वास बहाल किया है, उद्यमों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है, जिससे राज्य के प्रशासनिक प्रक्रियाओं को मजबूती मिली है। कभी यूपी विकास के मामले में बहुत पीछे था और अपराध के मामले में बहुत आगे, लेकिन आज कानून का राज स्थापित होने से यूपी विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को देश की छठी अर्थव्यवस्था माना जाता था, लेकिन आज उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। ईज ऑफ डूइंग के क्षेत्र में नीति आयोग की रैंकिंग में 2017 में उत्तर प्रदेश जहां बारहवें स्थान पर था वहीं 2018-20 के बाद से वह इसमें दूसरे स्थान पर आ गया है।
अभी रिजर्व बैंक के हालिया रिपोर्ट के अनुसार प्रत्यक्ष निवेश के मामले में उत्तर प्रदेश, देश के राज्यों में सबसे आगे है। विकास की तमाम नीतियों के साथ-साथ ब्रांड योगी का एक और ध्यानाकषर्क पहलू है, जिस पर बात किए बिना ब्रांड योगी की चर्चा अधूरी होगी। 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ 1998 से लेकर 2017 तक पांच बार गोरखपुर से सांसद चुने गए। ध्यान देने की बात है कि प्रत्येक बार उनके जीत का अंतर बढ़ता ही गया। सांसद रहते हुए उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया। सांसद के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपनी साख़्ा का लोहा मनवा चुके आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने से पहले ही देशभर में जाने जाने लगे थे। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के पश्चात योगी ‘सबका साथ सबका विकास पर तुष्टीकरण किसी का नहीं’ को अपनाते हुए उत्तर प्रदेश को विकास की नई ऊंचाई तक ले गए।
उत्तर प्रदेश के पूर्व सरकारों से अलग योगी ने तुष्टीकरण की बजाए विकास की राजनीति को तरजीह दी। केंद्र में मोदी और प्रदेश में योगी के विकास मॉडल को लोगों ने इतना पसंद किया कि 2019 के लोक सभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी को लगभग 88 फीसद सीटें मिलीं। प्रदेश की जनता ने जातीय/तुष्टीकरण की राजनीति को ठुकरा कर मोदी-योगी के विकास मॉडल को अपनाया और योगी को पुन: मुख्यमंत्री के पद पर आसीन किया। 2024 के आगामी लोक सभा चुनाव में भाजपा मोदी योगी के विकास मॉडल के साथ जनता के बीच जा रही है। पार्टी को पूर्ण विश्वास है कि जनता, जातीय/तुष्टीकरण की राजनीति पर विकास को तरजीह देगी। क्योंकि जिस देश के नेता, कतार में सबसे पीछे खड़े व्यक्ति को अपनी नीतियों/योजनाओं से सबके साथ चला लेते हैं, जनता उन्हें ही चुनती है, बार-बार चुनती है।
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