बतंगड़ बेतुक : झल्लन भी कूदा राजनीति में

Last Updated 12 Jun 2021 11:52:58 PM IST

झल्लन हमारे पास आकर बोला, ‘ददाजू, हम राजनीति में आने का कच्चा-पक्का मन बनाए हैं, सो थोड़ा सलाह-मशवरा करने आपके पास चले आएं हैं।


बतंगड़ बेतुक : झल्लन भी कूदा राजनीति में

इत्ता तय कर लिये हैं दिल्ली में पांव जमाएं पर यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आप पार्टी से अपनापा जोड़ें या भाजपा के घर में सेंध लगाएं?’ हमने कहा, ‘तुझे सीधा-सच्चा इंसान बनकर जीना मंजूर नहीं है जो राजनीति में कूद रहा है, काहे अपनी सीधी-सच्ची जिंदगी से ऊब रहा है?’ झल्लन बोला, ‘देखो ददाजू, इंसान बनकर जियो तो कोई इंसान ही नहीं समझता है, मान-सम्मान देना तो दूर कोई दुआ-सलाम तक नहीं करता है। सो सोचे, राजनीति में पैर जमा लें और थोड़ा रौब-रुतबा कमा लें।’

हमने कहा, ‘राजनीति में जाएगा तो तुझे न जाने कैसे-कैसे चपरकनाती नेताओं का गोड़ दबाना पड़ेगा, न जाने किस-किस घूसखोर, लुटेरे, लफंगे, सफेदपोश, डकैत को मुंह लगाना पड़ेगा। न जाने कैसी-कैसी धूर्तताओं, चालाकियों और मक्कारियों का बोझ उठाना पड़ेगा, बेईमान को ईमानदार और ईमानदार को बेईमान बताना पड़ेगा, सच को झूठ और झूठ को सच बताना पड़ेगा, हर विचार-सिद्धांत से ध्यान हटाना पड़ेगा, नैतिकता-अनैतिकता, अच्छा-बुरा और स्याह-सफेद का भेद मिटाना पड़ेगा, असली चेहरे पर नकली चेहरा चिपकाना पड़ेगा। तू इत्ता सब कैसे कर पाएगा, तेरे भीतर का झल्लन मर नहीं जाएगा?’ झल्लन बोला, ‘देखिए ददाजू, हम जो ठान लिये सो ठान लिये, अब हम कदम पीछे नहीं हटाएंगे और राजनीति की पोखर में डुबकी जरूर लगाएंगे। सो हमें ज्यादा मत डराइए, हम बीजेपी में घुसें या आप पार्टी को गले लगाएं, बस इतना बताइए।’

हमने कहा, ‘मान ले तू बीजेपी के छप्पर तले आ जाता है, बीजेपी के लग्गों-तग्गों को तू भा जाता है और फिर बीजेपी की सदस्यता पा जाता है तो तू सबसे पहले क्या करेगा, कहां से क्या उठाएगा, कहां धरेगा?’ झल्लन बोला, ‘का ददाजू, जे कोई पूछन की बात रही, हम सबसे पहले आपको, मेरा मतलब आपको नहीं आप पार्टी को खुलकर गरियाएंगे और आप को लेकर बीजेपी जिस तरह तिलमिलाती है वैसे ही हम भी तिलमिलाएंगे।’ हमने कहा, ‘तू आप पर क्या-क्या आरोप लगाएगा, थोड़ा उदाहरण देकर बताएगा?’ वह बोला, ‘हम कहेंगे  कि आप पार्टी का हर प्रवक्ता झूठ बोलता है, जब भी मुंह खोलता है तो मोदी जी के विरोध में मुंह खोलता है।

हमारी बीजेपी दिल्ली की जनता का भला चाहती है पर आप पार्टी हमारे हर काम को उल्टा बताती है, असफल खुद हो जाती है पर आरोप बीजेपी पर लगाती है। कभी ऑक्सीजन का रोना रोती है तो कभी दवाइयों को लेकर चिल्लाती है और कभी वैक्सीन पर हाय-तौबा मचाती है, बीजेपी हर चीज उपलब्ध कराती है पर आप पार्टी हर चीज से मुकर जाती है। हमारी केंद्र सरकार अपनी खास योजना के तहत गरीबों को अनाज मुहैया कराती है पर आप की इसमें भी नानी मर जाती है। कहती है न हम केंद्र की योजना पर ध्यान देंगे, न किसी नियम-कानून का संज्ञान लेंगे, बस घर-घर अनाज पहुंचाएंगे और अनाज के नाम पर स्कैम चलाएंगे। यह स्कैम हम चलाने नहीं देंगे और आप पार्टी को उसकी सड़ी दाल गलाने नहीं देंगे।’

हमने कहा, ‘और अगर तेरा पावन चरण आप पार्टी में पड़ेगा तो तू कौन सी स्क्रिप्ट लिखेगा?’ ‘देखिए ददाजू, जहां तक स्क्रिप्ट का सवाल है तो स्क्रिप्ट हम वही रखेंगे, ज्यादा फेरबदल नहीं करेंगे, बस, चार-छह अक्षर इधर-उधर करके आप की जगह बीजेपी और बीजेपी की जगह आप कर देंगे।’ हमने पूछा, ‘जरा बता, ये कैसे करेगा और अपनी स्क्रिप्ट में कैसे आप की जगह बीजेपी और बीजेपी की जगह आप भरेगा?’ वह बोला, ‘देखिए ददाजू, आप में आते ही हम बीजेपी को कोसेंगे, गरियाएंगे और इस काम में बिल्कुल नहीं शर्माएंगे। कहेंगे बीजेपी का हर प्रवक्ता झूठ बोलता है, जब भी मुंह खोलता है तो केजरीवाल के विरोध में मुंह खोलता है।

हमारी आप पार्टी दिल्ली की जनता का भला चाहती है पर बीजेपी हमारे हर काम को उल्टा बताती है, असफल खुद हो जाती है पर आरोप आप पर लगाती है। कभी ऑक्सीजन नहीं देती, कभी दवाइयों की सुध नहीं लेती और हमारी जरूरत के अनुसार हमें वैक्सीन नहीं देती। आप पार्टी हर काम दिल्ली की जनता के हित में चलाती है पर बीजेपी हर अच्छे काम से मुकर जाती है। हमारी दिल्ली सरकार गरीबों को घर-घर अनाज पहुंचाना चाहती है पर इसमें भी बीजेपी की नानी मर जाती है, वह तुरत अनाज माफिया की हो जाती है। बीजेपी कहती है न हम कोई काम करेंगे और न आप सरकार को करने देंगे, बस, अपना स्कैम चलाते रहेंगे। पर हमारी आप पार्टी कभी भी पीछे नहीं हटेगी और बीजेपी के हर गलत काम के आगे सीना तानकर डटी रहेगी।’

हमने कहा, ‘आप छोटी पार्टी है, बीजेपी बड़ी पार्टी है तो बीजेपी में ही लुढ़क ले, वहीं से कुछ कुढ़क ले।’ झल्लन बोला, ‘सुनो ददाजू, जब कोई बड़ा पहलवान किसी बच्चे को पटकनी देता है तो कुछ नहीं कमाता है पर जब कोई बच्चा किसी पहलवान का जीना हराम कर देता है तो देखने-सुनने वाले सबको मजा आता है। तो हम फैसला ले लिये हैं कि आप पार्टी में जाएंगे और बीजेपी को गरियाकर नाम कमाएंगे।’

विभांशु दिव्याल


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