कोरोना : सामाजिक अवरोध से बचाव संभव

Last Updated 19 Mar 2020 06:15:45 AM IST

कोरोना वायरस जिसे संक्षिप्त रूप में ड़दृध् कहते हैं, एक बड़े वायरस समूह का हिस्सा है, जैसे ग्कङच्-क्दृज् मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) और च्¬ङच्-क्दृज् (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) ड़दृध्त्ड्ड-19 वर्ष 2019 में नोवेल कोरोना वायरस से फैलने वाली संक्रमित बीमारी है।


कोरोना : सामाजिक अवरोध से बचाव संभव

सभी प्रकार के  कोरोना वायरस ‘जूनोटिक’ यानी जानवरों से मनुष्य में संक्रमण करने वाले वायरस होते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वे लोग जिन्हें बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, उन्हें तुरंत चिकित्सीय सुविधा लेनी चाहिए। लगभग 56000 केस में  किए गए एक अध्ययन के अनुसार 88 फीसद केस में बुखार, 68 फीसद केस में सूखी खांसी, 38 फीसद केस में भ्रम, 19 फीसद केस में सांसों में तकलीफ, 15 फीसद केस में शरीर और जोड़ों में दर्द ,14 फीसद केस में गले में खराश, 14 फीसद केस में सिरदर्द, 11 फीसद केस में ठंड के साथ कंपकपी, 5 फीसद में उल्टी, 5 फीसद में नाक में संक्रमण और 4 फीसद में  डायरिया पाया गया है। इसलिए सलाह दी गई है कि कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति से कम-से-कम 3 फीट यानी 1 मीटर की दूरी बनाए रखें।

जहां तक मृत्यु दर और उम्र के साथ सहसंबंध की बात है, 72314 केस के अध्ययन के उपरांत जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं, उसके अनुसार 60 वर्ष से ज्यादे आयु के लोगों में मृत्यु दर अधिक पाई गई है। 60 से 69 वर्ष में यह   दर 3.6 फीसद, 70 से 79 वर्ष में यह दर 8.0 फीसद और 80 से ज्यादा उम्र यह 14.08 फीसद है ,जबकि 40 से 49, 30 से 39 और 20 से 29 आयु वर्ग में यह मात्र 0.2 फीसद है। शून्य से 9 आयु वर्ग के लोगों में अब तक कोई मृत्यु नहीं हुई है। इस रोग का मुख्य प्रभाव बुजुगरे में अधिक मात्रा में देखा गया है। लिंग के आधार पर पुरु षों में मृत्यु दर 4.7 है, जबकि महिलाओं में यह मात्र 2.8 फीसद है। पहले से रोगी होने पर कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा दिखाई दिया है। अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार हृदय संबंधी रोगी 13.2 फीसद, डायबिटीज 9.2 फीसद, श्वास संबंधी रोग 8.0 फीसद, हाई ब्लड प्रेशर 7.6 फीसद लोगों की मृत्यु कोरोना वायरस से हुई है।

आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में कोराना वायरस से प्रभावित लोगों में आशातीत वृद्धि हुई है। शून्य से 100000 तक प्रभावित लोगों की संख्या पहुंचने में जहां 97 दिन लगे, वहीं एक लाख से डेढ़ लाख पहुंचने में मात्र 8 दिन लगे, इससे इसके फैलाव एवं व्यापकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। ईरान में 19 फरवरी को केवल 2 केस थे ,जो 2 मार्च को बढ़कर 1501 हो गए जबकि वह 14 मार्च  को 12729 हो गया। फ्रांस में 23 फरवरी को 12 केस थे जो 2 मार्च को 191 केस हो गया और 14 मार्च को बढ़कर 4499 हो गया।

इटली में 15 फरवरी को मात्र 3 केस था जो 29 फरवरी को 1128 हो गया, जबकि मात्र 14 दिनों में यानी 14 मार्च तक यह आंकड़ा 20,000 से ज्यादा बढ़कर 21157 हो गया। उल्लेखनीय है कि इटली का यह आंकड़ा 10 मार्च को 10149 था, जो 14 मार्च को बढ़कर 21157 हो गया यानी 4 दिनों में 10000 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जहां तक कोरोना वायरस का विश्व के आर्थिक दुष्प्रभाव का प्रश्न है, तो ब्लूमबर्ग ने अपने एक अध्ययन में कहा है कि कोरोना वायरस  के प्रभाव से विश्व की जीडीपी जो 3.1 फीसद आकलित थी, घटकर 2.3 फीसद होने की उम्मीद है। इससे लगभग 2.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। ओईसीडी के आकलन के अनुसार वर्ष 2019 में विश्व का जीडीपी 2.9 फीसद था, जो अब घट कर 2.4 फीसद होने की उम्मीद है। यह फिसलकर 1.5 फीसद तक आ सकती है।

कोरोना के फैलाव के कारणों का जिक्र ऊपर किया जा चुका है। सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिकता से दूरी एक प्रमुख बचाव के रूप में उभर कर सामने आया है। बिना सामाजिक अवरोध के आंकड़ों में आशातीत वृद्धि होगी। इटली ने कोरोना पॉजिटिव केस की अधिकता  के कारण लॉकडाउन घोषित कर लोगों की आवाजाही व व्यापार को रोका है। इसी प्रकार की कड़ी पाबंदी चीन ने भी लगाई थी, जहां आश्चर्यजनक रूप से पॉजिटिव केस में कमी आई है। कई देशों ने स्कूलों, कॉलेजों को बंद कर दिया है तथा लोगों को एकत्रित होने तथा कार्यक्रम पर पाबंदी लगा दी है। भारत के कई राज्यों ने भी ऐसा ही किया है। अब सबसे बड़ा दायित्व उस व्यक्ति का है जिसमें इस रोग का लक्षण है , उसे बिना लोगों के घुले-मिले स्वयं कंट्रोल सेंटर से संपर्क कर जांच करवानी चाहिए और जरूरत पड़ने पर इनकमवेशन पीरियड  के लिए क्वॉरेंटाइन में रहना चाहिए। यह सबसे बड़ी सामाजिकता होगी।

शैलेंद्र भाटिया


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