सरोकार : बदलतीं औरतों के चेहरों पर चमक
आपके जीवन की सबसे जरूरी व्यक्ति आप खुद हैं। मैरिअन केयस आयरिश नॉन फिक्शन राइटर हैं। उनकी मशहूर किताब ‘द ब्रेक’ की साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं, और 33 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
सरोकार : बदलतीं औरतों के चेहरों पर चमक |
पर यह कोई बड़ी खबर नहीं। असल खबर यह है कि प्रिमाडोना फेस्टिवल में इस साल वह खुद से ही शादी करने वाली हैं। यह फेस्टिवल इंग्लैंड के सुफ्लोक शहर में आयोजित किया जाता है। कुछ महीने पहले मशहूर ऐक्ट्रेस एमा वॉट्सन ने सेल्फ पार्टर्नड का जश्न मनाने की बात की थी। मैरिअन इसी भावना के साथ इस फेस्टिवल में खुद से ब्याह करने वाली हैं।
दरअसल, एमा से ब्रिटिश पत्रिका ‘वोग’ ने एक इंटरव्यू में पूछा था कि उनका स्टेटस क्या है? तब एमा ने कहा था, ‘मैं खुद को सिंगल नहीं, सेल्फ पार्टर्नड बताना पसंद करती हूं यानी मैं खुद के साथ रहना पसंद करती हूं। मुझे पूर्ण महसूस करने के लिए किसी दूसरे इनसान की जरूरत नहीं।’ सिंगल होने के लिए कई साल पहले हॉलिवुड ऐक्ट्रेस ग्वायनेथ पाल्ट्रो ने ‘कॉन्शेस अनकपलिंग’ शब्द का इस्तेमाल किया था-तब वह अपने पति क्रिस मार्टनि से अलग हुई थीं। यह कपलिंग से अनकपलिंग होने का कॉन्शेस फैसला था, इसलिए पाल्ट्रो ने इस नये टर्म का इस्तेमाल किया था। प्रिमाडोना फेस्टिवल इस साल 31 जुलाई से 2 अगस्त के बीच आयोजित किया जाएगा। आयोजकों ने घोषणा की है कि उसमें एक वैकल्पिक वेडिंग चैपल होगा। चैपल को मेहमान खुद से शादी करने के लिए बुक कर सकती हैं। केयस सबसे पहली महिला हैं, जिन्होंने खुद से शादी करने का फैसला किया। वैसे केयर शादीशुदा हैं। प्रिमाडोना की संस्थापकों का कहना है कि यह सिर्फ सिंगल लोगों के लिए नहीं। इसका उद्देश्य है कि आप खुद से कहें कि आपके जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति, आप खुद हैं।
वैसे एमा की सेल्फ पार्टनरिंग की अवधारणा अकेली औरतों के जीवन को सेलिब्रेट करने से जुड़ी है। अकेली औरतें अब खूब नजर आती हैं। भारत में इनकी संख्या करोड़ों में है। इन अकेली औरतों में ऐसी औरतें शामिल थीं, जिन्होंने शादी नहीं की, जिनके तलाक हो चुके हैं, जिनके पति उन्हें छोड़कर जा चुके हैं, जिनके पति मर चुके हैं। ऐसी अकेली औरतों की संख्या 2001 में 5।12 करोड़ थी, जो 2011 में बढ़कर 7।14 करोड़ हो चुकी थी। जनगणना कभी शादी न करने वाली औरतों को ‘नेवर मैरिड’ की कैटगरी में डालती है। इन सिंगल औरतों पर आपको दया करने की जरूरत नहीं। जैसा कि एमा ने साफ किया है कि वह अपनी इच्छा से सिंगल हैं। हाल में कल्पना शर्मा की संपादित एक किताब आई है-‘सिंगल बाय चॉइस : हैपिली अनमैरिड विमैन’। किताब में 13 औरतों की आपबीतियां हैं, जो अपने अकेले होने को सेलिब्रेट करती हैं। आम तौर पर माना जाता है कि एक औरत अपने अकेलेपन में इस कदर कसी, ठुंसी और भरी होती है कि उसके अकेलेपन में किसी दूसरी चीज के लिए कोई जगह नहीं बचती। लेकिन ऐसा नहीं है। आप रुपहले परदे पर भी अकेली औरतों का उल्लास देख सकते हैं। ‘रनअवे ब्राइड’ में जूलिया रॉबर्ट्स, ‘सेक्स एंड द सिटी’ में सराह जेसिका पार्कर, ‘क्वीन’ में कंगना रानौत, सभी हैप्पी गल्र्स हैं। इन्हें हैप्पी रहने के लिए किसी पुरुष पार्टनर की जरूरत नहीं। ये बदलती औरतों के चेहरे हैं। इन चेहरों पर हमेशा हंसी की बिजलियां कौंधती हैं। चमकदार और नूरानी। दुनिया को ऐसे ही तरल चेहरों की जरूरत है।
| Tweet |