विश्वविद्यालयों को UGC से लाभ अब NEP के आधार पर
देशभर के विश्वविद्यालयों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी - NEP) को अपने यहां कितना लागू किया है, अब इस आधार पर उन्हें लाभ मिलेगा। लिहाजा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी - UGC) से मिलने वाले लाभ अब आसान नहीं होंगे।
विश्वविद्यालयों को UGC से लाभ अब NEP के आधार पर |
इसके लिए विश्वविद्यालयों की दो स्तर पर जांच की जाएगी। इसमें विश्वविद्यालयों के पास नैक (नेशनल असिसमेंट एंड एक्रीडेशन काउंसिल), से एक्रीडेशन, छात्र शिक्षक अनुपात, विश्वविद्यालयों में 75 फीसद शिक्षकों की नियुक्ति किया जाना जैसी शत्रे शामिल हैं।
यूजीसी ने इस संबंध में एक ड्राफ्ट रेगुलेशन तैयार किया है। इसको लेकर यूजीसी ने भागीदारों से सुझाव मांगे हैं।
रेगुलेशन के अनुसार पहले स्तर पर विश्वविद्यालयों को योग्य साबित होने के लिए कई तरह के शतरे को पूरा करना होगा। जैसे विश्वविद्यालय के पास 2 एफ की मान्यता होनी चाहिए।
एआई एसएचई ( ऑल इंडिया सव्रे ऑन हायर एजुकेशन) पोर्टल पर पंजीकरण, नैक से एक्रीडेशन, ऑम्बडपर्सन की नियुक्ति, फीस रिफंड पॉलिसी का लागू होना, आईसीसी का गठन होना, उत्साह पोर्टल पर गठन, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स पर रजिस्ट्रेशन समेत 11 शत्रे शामिल हैं। यदि विश्वविद्यालय ने इन सबका पालन किया हुआ है तो उसकी दूसरे स्तर पर जांच की जाएगी।
दूसरे स्तर पर विश्वविद्यालयों की जांच में स्कोर तय किये गये हैं, जो विश्वविद्यालयों को मिलेंगे। इसमें पहली शर्त्त के अनुसार यह देखा जाएगा कि विश्वविद्यालय ने अपने यहां 75 फीसद नियमित शिक्षकों की नियुक्ति कर ली है या फिर छात्र शिक्षक अनुपात पूरा कर लिया है।
बता दें कि विश्वविद्यालयों में नियमों के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात एक शिक्षक पर 20 छात्र और कॉलेज स्तर पर एक शिक्षक पर 30 छात्र का है। इसके लिए एक स्कोर मिलेगा। दूसरा क्या विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर पर प्रैक्टिस की नियुक्ति कर ली है। क्या 75 फीसद शिक्षकों को मालवीय मिशन टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षित किया गया है। क्या विश्वविद्यालय को यूजीसी से 2 बी की मान्यता मिली है। क्या विश्वविद्यालय एनआईआरएफ रैंकिंग में शामिल हुआ है। क्या मौजूदा सत्र में विश्वविद्यालय ने तीन हजार या इससे अधिक छात्रों को दाखिला दिया है। दूसरे स्तर पर कुल 49 मापक बनाए गये हैं।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन करने की दिशा में एक स्वागत योग्य पहल है। यूजीसी ने मूलत: कहा है कि विश्वविद्यालय ने शिक्षा नीति का कितना अनुपालन किया है, वह आने समय में उनको मिलने वाले लाभ को तय करेगा।
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