सीबीएसई से नियुक्त परीक्षक ही ले सकेगा प्रैक्टिकल परीक्षा
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सभी स्कूलों को हिदायत दी है कि दसवीं और बारहवीं की प्रैक्टिकल की परीक्षाएं केवल बोर्ड से नियुक्त परीक्षक द्वारा ही ली जाएगी।
सीबीएसई से नियुक्त परीक्षक ही ले सकेगा प्रैक्टिकल परीक्षा |
यदि वह किसी अन्य शिक्षक से परीक्षा करवाते हैं तो वह परीक्षा रद्द कर दी जाएगी। साथ ही स्कूल के खिलाफ बोर्ड से मान्यता रद्द करने की संबंधी भी कार्रवाई की जाएगी। छात्रों को नुकसान न हो इसके लिए बोर्ड छात्रों को थ्योरी की परीक्षा के आधार पर प्रैक्टिकल के मार्क्स देगा। देशभर के स्कूलों के लिए बोर्ड ने इस बार प्रैक्टिकल परीक्षा की अवधि भी बढ़ा दी है। इस साल 10वीं और 12वीं की प्रैक्टिकल की परीक्षाएं 1 मार्च से 11 जून तक आयोजित की जाएगी। जबकि बीते साल 1 जनवरी से 7 फरवरी तक ही प्रैक्टिकल की परीक्षाएं आयोजित की गई थीं।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि इस बार हमने परीक्षा की अवधि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए बढ़ाई है। इससे छात्रों को परीक्षा की तैयारी करने के लिए ज्यादा समय मिल पाएगा। साथ ही ज्यादा अवधि होने के चलते स्कूल छोटे-छोटे बैच में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए परीक्षा आयोजित करा सकेंगे।
डॉ. भारद्वाज ने कहा कि हमने पहली बार स्कूलों को हिदायत दी है कि केवल बोर्ड द्वारा नियुक्त परीक्षक द्वारा ही प्रैक्टिकल की परीक्षाएं करवाएं। उन्होंने कहा कि एक परीक्षक के पास चार से पांच स्कूलों में प्रैक्टिकल परीक्षाएं करवाने की जिम्मेदारी होती है। लिहाजा परीक्षा की अधिक अवधि होने के कारण परीक्षक को भी परीक्षा करवाने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा। परीक्षा को लेकर जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रैक्टिकल की परीक्षा के लिए 25 छात्रों का दो समूह बनाया जा सकता है। इसके अलावा परीक्षा के दौरान बरते जाने वाले सभी तरह की सावधानियों को लेकर दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। बोर्ड ने कहा कि यदि कोई स्कूल इसका उल्लंघन करता है तो उस पर 50 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। पीतमपुरा स्थित एमएम पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य रुमा पाठक ने कहा कि बोर्ड इस बार प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए काफी लंबा समय दिया है।
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