महंगाई में आई भारी कमी, फरवरी में मुद्रास्फीति की दर सात माह के निम्न स्तर 3.61 फीसद पर

Last Updated 13 Mar 2025 07:46:35 AM IST

सब्जियों, अंडे एवं अन्य प्रोटीन-युक्त उत्पादों की कीमतों में नरमी आने से फरवरी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर सात महीने के निचले स्तर 3.61 प्रतिशत पर आ गई। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।


महंगाई में आई भारी कमी, फरवरी में मुद्रास्फीति की दर सात माह के निम्न स्तर 3.61 फीसद पर

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी माह में 4.26 प्रतिशत और फरवरी, 2024 में 5.09 प्रतिशत रही थी। खुदरा मुद्रास्फीति का पिछला निचला स्तर जुलाई, 2024 में देखा गया था।

नवंबर, 2024 से ही उपभोक्ता मूल्य सूचकांक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सुविधाजनक दायरे में बना हुआ है। इससे आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की अगले महीने होने वाली द्विमासिक बैठक में नीतिगत ब्याज दर में एक और कटौती की गुंजाइश बनती हुई दिख रही है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करते हुए कहा, ‘जनवरी की तुलना में फरवरी, 2025 की मुख्य मुद्रास्फीति में 65 आधार अंक की कमी आई है। जुलाई, 2024 के बाद यह सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति है।’ इन आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी महीने में सालाना आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति 3.75 प्रतिशत रही।

एनएसओ ने कहा, ‘जनवरी के मुकाबले फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति में 2.22 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई है। फरवरी की खाद्य मुद्रास्फीति मई, 2023 के बाद सबसे कम है।’

फरवरी के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडे, मांस और मछली, दालों और उत्पादों, और दूध और उत्पादों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है। फरवरी में सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति वाली प्रमुख वस्तुएं अदरक (-35.81 प्रतिशत), जीरा (-28.77 प्रतिशत), टमाटर (-28.51 प्रतिशत), फूलगोभी (-21.19 प्रतिशत), लहसुन (-20.32 प्रतिशत) थीं।

दूसरी तरफ, सबसे अधिक मुद्रास्फीति वाली वस्तुएं नारियल तेल (54.48 प्रतिशत), नारियल (41.61 प्रतिशत), सोना (35.56 प्रतिशत), चांदी (30.89 प्रतिशत) और प्याज (30.42 प्रतिशत) थीं। शहरी मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर 3.32 प्रतिशत रही जबकि जनवरी में यह 3.87 प्रतिशत थी। खाद्य मुद्रास्फीति में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई, जो जनवरी के 5.53 प्रतिशत से घटकर 3.20 प्रतिशत रह गई।

ग्रामीण क्षेत्र में भी मुख्य और खाद्य मुद्रास्फीति में फरवरी में भारी गिरावट देखी गई जो एक महीने पहले के 4.59 प्रतिशत से घटकर 3.79 प्रतिशत रह गई। सबसे कम मुद्रास्फीति तेलंगाना (1.31 प्रतिशत) और सबसे अधिक केरल (7.31 प्रतिशत) में रही।

आरबीआई ने मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंताएं कम करने के लिए फरवरी में नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया था। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली समीक्षा बैठक अप्रैल की शुरु आत में होने वाली है।

सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत के भीतर रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। आरबीआई अपनी मौद्रिक दरों का फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति पर विशेष ध्यान देता है।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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