Stock Market Fraud case: शेयर बाजार धोखाधड़ी मामले में CEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधबी बुच समेत पांच पर होगी FIR

Last Updated 03 Mar 2025 06:59:02 AM IST

एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी - ACB) को शेयर बाजार में कथित धोखाधड़ी और विनियामकीय उल्लंघन के संबंध में शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है।


सेबी (SEBI) की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच

मुंबई स्थित विशेष एसीबी अदालत के न्यायाधीश शशिकांत एकनाथराव बांगर ने शनिवार को पारित आदेश में कहा, ‘प्रथम दृष्टया विनियामकीय चूक और मिलीभगत के सबूत हैं, जिसकी निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।’ अदालत ने कहा कि वह जांच की निगरानी करेगा और 30 दिनों के भीतर (मामले की) स्थिति रिपोर्ट मांगी गई है। 

अदालत ने आदेश में यह भी कहा है कि आरोपों से संज्ञेय अपराध का पता चलता है, जिसके लिए जांच जरूरी है। इसमें कहा गया है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की निष्क्रियता के कारण सीआरपीसी (आपराधिक प्रक्रिया संहिता) के प्रावधानों के तहत न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत है। 

बुच के अलावा जिन अन्य अधिकारियों के खिलाफ अदालत ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है, उनमें बीएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदररामन राममूर्ति, इसके तत्कालीन चेयरमैन और जनहित निदेशक प्रमोद अग्रवाल और सेबी के तीन पूर्णकालिक सदस्य अिनी भाटिया, अनंत नारायण जी और कमलेश चंद्र वाष्ण्रेय शामिल हैं। 

शिकायतकर्ता सपन श्रीवास्तव, जो एक मीडिया रिपोर्टर हैं, ने कथित अपराधों की जांच की मांग की थी, जिसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी, विनियामक उल्लंघन और भ्रष्टाचार शामिल है। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि सेबी के अधिकारी अपने वैधानिक कर्तव्य में विफल रहे, बाजार में हेरफेर को बढ़ावा दिया, तथा निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करने वाली कंपनी को सूचीबद्ध करने की अनुमति देकर कॉरपोरेट धोखाधड़ी के लिए रास्ता खोला। शिकायतकर्ता ने कहा कि कई बार पुलिस स्टेशन और संबंधित नियामक निकायों से संपर्क करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

भारत की पहली महिला सेबी प्रमुख बुच पर अमेरिका स्थित शोध एवं निवेश कंपनींिहडनबर्ग रिसर्च ने हितों के टकराव के आरोप लगाए थे। उसके बाद राजनीतिक तनाव के बीच बुच ने शुक्रवार को अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया। 

सेबी ने कहा कि वह ‘इस आदेश को चुनौती देने के लिए उचित कानूनी कदम उठाएगा और सभी मामलों में उचित विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’ अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेबी ने एक बयान में कहा, ‘सेबी की पूर्व चेयरपर्सन, तीन वर्तमान पूर्णकालिक सदस्यों और बीएसई के दो अधिकारियों के खिलाफ एसीबी अदालत, मुंबई के समक्ष एक विविध आवेदन दायर किया गया था।’

सेबी ने कहा, ‘हालांकि, ये अधिकारी प्रासंगिक समय पर अपने संबंधित पदों पर नहीं थे, फिर भी अदालत ने बिना कोई नोटिस जारी किए या सेबी को तथ्यों को रिकॉर्ड पर रखने का कोई अवसर दिए बिना आवेदन को अनुमति दे दी।’ सेबी के बयान के अनुसार, ‘आवेदक को एक तुच्छ और आदतन मुकदमाकर्ता के रूप में जाना जाता है, जिसके पिछले आवेदनों को अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया था, और कुछ मामलों में जुर्माना भी लगाया गया था।’

भाषा
मुंबई


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