Opening Bell: भारत कर रहा आर्थिक सुधारों के जनक डॉ मनमोहन सिंह को याद, हरे निशान पर खुला भारतीय शेयर बाजार

Last Updated 27 Dec 2024 10:22:45 AM IST

भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच हरे निशान में खुला। निफ्टी पर ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी और मेटल सेक्टर में खरीदारी देखी गई।


सुबह करीब 9:30 बजे सेंसेक्स 337.92 अंक या 0.43 प्रतिशत की बढ़त के साथ 78,810.40 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 108.80 अंक या 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,859 पर कारोबार कर रहा था।

बाजार का रुख सकारात्मक रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,400 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 503 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

बाजार के जानकारों के अनुसार, "पूरा देश भारत में उदारीकरण के निर्माता मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दे रहा है, ऐसे समय में निवेशकों को 1991 में उदारीकरण की शुरुआत के बाद भारतीय शेयर बाजार द्वारा बनाई गई संपत्ति के लिए आभार व्यक्त करना चाहिए।"

सेंसेक्स जो कि 1991 में 1,000 के आसपास था, तब से अब तक लगभग 780 गुना बढ़कर 78,000 से ऊपर कारोबार कर रहा है और दीर्घकालिक निवेशकों को शानदार रिटर्न दे रहा है।

जानकारों ने कहा, "आने वाले वर्षों में बाजार निवेशकों को बेहतर रिटर्न देता रहेगा, क्योंकि उदारीकरण से प्रेरित भारत की विकास गाथा पूरी तरह बरकरार है।"

निफ्टी बैंक 223.25 अंक या 0.44 प्रतिशत बढ़कर 51,393.95 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 182.90 अंक या 0.32 प्रतिशत बढ़कर 57,308.60 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 80.80 अंक या 0.43 प्रतिशत बढ़कर 18,809.45 पर था।

सेक्टोरल फ्रंट पर आईटी सेक्टर में बिकवाली देखी गई।

सेंसेक्स पैक में इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, जोमैटो, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, टेक महिंद्रा, एसबीआई और एमएंडएम टॉप गेनर्स थे। वहीं, एचसीएल टेक, टाइटन, टीसीएस, एलएंडटी और सनफार्मा टॉप लूजर्स थे।

पिछले कारोबारी सत्र में डॉव जोन्स 0.07 प्रतिशत बढ़कर 43,325.80 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.04 प्रतिशत गिरकर 6,037.60 पर और नैस्डैक 0.05 प्रतिशत गिरकर 20,020.36 पर बंद हुआ।

एशियाई बाजारों में, चीन और जापान हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि जकार्ता, बैंकॉक, सोल और हांगकांग लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

जानकारों ने कहा, "बाजार के लिए सबसे बड़ी बाधा अब मजबूत डॉलर (डॉलर इंडेक्स 108 से ऊपर बना हुआ है) और आकर्षक अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के कारण एफआईआई की बिकवाली है, जिसमें 10 साल की यील्ड 4.35 प्रतिशत है।"

उन्होंने कहा, "जब मैक्रोज विकास और कॉर्पोरेट आय में सुधार का संकेत देंगे, तो एफआईआई की रणनीति में बिक्री से खरीद की ओर बदलाव होगा।"

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 26 दिसंबर को 2,376.67 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 3,336.16 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
 

आईएएनएस
मुंबई


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