GST Council: GST परिषद की बैठक में कई अहम फैसले, बीमा प्रीमियम पर नहीं हो सका कोई निर्णय, जीन थैरेपी व एटीएफ GST से बाहर
GST Council: माल एवं सेवा कर (जीएसटी - GST) परिषद की 55वीं बैठक में जीवन रक्षक जीन थैरिपी को जीएसटी के दायरे से बाहर करने के साथ कई अहम निर्णय लिये गये हैं।
GST परिषद की बैठक में कई अहम फैसले, बीमा प्रीमियम पर नहीं हो सका कोई निर्णय |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री या इस मंत्रालय का काम देख रहे मंत्रियों ने भाग लिया।
बैठक के बाद सीतारमण ने संवाददात सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी को कम करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है क्योंकि इसके लिए गठित मंत्रियों के समूह को अभी और समय चाहिए।
इस पर अभी रेगुलेटर आईआरडीएआई की टिप्पएणी नहीं मिली है। उसके बाद समूह इसे फाइनल करेगा और उसके बाद ही यह जीएसटी काउंसिल में आएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल रेट को कम करने का सवाल नहीं है, इस पर डिटेल से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने पॉपकॉर्न परभी स्थिति साफ की। सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर 5 फीसद टैक्स लगेगा लेकिन कैरमलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत कर लगेगा।
उन्होंने कहा कि फोर्टिफाइड राइस केरनल्स पर जीएसटी 18 फीसद से घटाकर 5 फीसद करने का फैसला किया गया है। फोर्टिफाइड राइस का जनवितरण प्रणाली में वितरण किया जाता है। काली मिर्च और किशमिश पर स्थिति साफ कर दी गई है।
अगर कोई किसान इसे बेचता है तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 2000 रुपये से कम पेमेंट करने वाले पेमेंट एग्रीगेटर्स को जीएसटी से छूट देने का फैसला दिया है। उन्होंने कहा कि बैंकों या वित्तीय संस्थाओं से लिये गये ऋण को समय पर नहीं चुकाने के कारण लगने वाले जुर्माने पर अब नहीं लगेगा। इस पर जीएसटी नहीं लेने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि फ्लोर स्पेस इंडेक्स यानी एफएसआई पर जीएसटी रिवर्स चार्ज या फॉर्वड चार्ज में होना चाहिए लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। भूमि राज्य का विषय है और इससे नगरपालिका के राजस्व पर भी असर पड़ेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि छोटी कंपनियों को रजिस्ट्रेशन में बहुत दिक्कत होती है।
इसके लिए एक कॉन्सेप्ट नोट तैयार किया गया है। इससे नया रजिस्ट्रेशन प्रोसेस आएगा। इसके लिए कानून में बदलाव की जरूरत होगी। इस नोट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इससे छोटी कंपनियों के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान होगी। उन्होंने कहा कि क्विक कॉमर्स पर विस्तार से चर्चा हुई लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
जीएसटी काउंसिल ने प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड आइटम्स की परिभाषा में भी बदलाव की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि नए ईवी खरीदने पर 5 फीसदी जीएसटी है। पुराने ईवी यदि एक आदमी दूसरे को बेचेगा तो इस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। लेकिन अगर कोई कंपनी इसे खरीदती है तो मार्जिन पर18 फीसदी कर लगेगा।
अन्य अहम फैसले
► नमकीन पॉपकॉर्न पर पांच प्रतिशत लेकिन मीठे पर 18 प्रतिशत जीएसटी
► फोर्टिफाइड राइस केरनल्स पर जीएसटी 18 से 5 फीसद
► इस चावल का वितरण जनवितरण पण्राली में किया जाता है
► काली मिर्च और किशमिश अगर किसान बेचता है तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
► 2000 रुपये से कम पेमेंट करने वाले पेमेंट एग्रीगेटर्स को जीएसटी से छूट
► ऋण को समय पर नहीं चुकाने के कारण लगने वाले जुर्माने पर अब नहीं लगेगा जीएसटी
► छोटी कंपनियों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आसान बनाने को मंजूरी
► पुराने ईवी यदि एक आदमी दूसरे को बेचेगा तो इस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। लेकिन अगर कोई कंपनी इसे खरीदती है तो मार्जिन पर18 फीसदी कर लगेगा
► पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में लाने के पक्ष में नहीं राज्य
► 50 प्रतिशत से अधिक फ्लाई ऐश कंटेट वाले ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट ब्लॉक्स पर लगेगा 12 फीसद जीएसटी
बीमा प्रीमियम पर फैसला टला
► जीवन व स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी कम करने पर कोई निर्णय नहीं
► इसके लिए गठित मंत्रियों के समूह को अभी और समय चाहिए
► इस पर अभी रेगुलेटर आईआरडीएआई की टिप्पएणी नहीं मिली है
► उसके बाद समूह इसे फाइनल करेगा और यह जीएसटी काउंसिल में आएगा
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