भारतीय बैंकों ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों में 9.90 लाख करोड़ रुपये के कर्ज किए माफ
केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 2019-20 के दौरान सबसे अधिक माफ की गई राशि 2.34 लाख करोड़ रुपये थी, जो अगले साल घटकर 2.02 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.74 लाख करोड़ रुपये रह गई।
|
भारतीय बैंकों ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों में करीब 9.90 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए हैं। केंद्र सरकार ने 6 अगस्त को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी है।
एक लिखित जवाब में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 2023-24 के दौरान बैंकों द्वारा 1.70 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 2.08 लाख करोड़ रुपये था।
इस संबंध में आगे जानकारी देते हुए पंकज चौधरी ने कहा कि 2019-20 के दौरान सबसे ज्यादा माफ की गई राशि 2.34 लाख करोड़ रुपये थी, जो अगले साल घटकर 2.02 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.74 लाख करोड़ रुपये हो गई।
उन्होंने कहा कि आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंकों के बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार एनपीए को राइट-ऑफ के माध्यम से संबंधित बैंक की बैलेंस शीट से हटा दिया जाता है।
पंकज चौधरी का कहना है कि 9.9 लाख करोड़ रुपये के राइट-ऑफ के मुकाबले कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले 5 सालों में कुल राइट-ऑफ का सिर्फ 18 फीसदी है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और आरबीआई यूपीआई की वैश्विक पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कदम उठा रहे हैं। फिलहाल यह सात देशों भूटान, सिंगापुर, यूएई, फ्रांस, मॉरीशस, श्रीलंका और नेपाल में उपलब्ध है।
| Tweet |