भारत बना iPhone 15 Series का हिस्सा, ISRO के GPS सिस्टम 'नाविक' का किया इस्तेमाल
Apple की तरफ से जारी किया गया iPhone 15 सीरीज भारत के लिए बहुत खास हैं। इस सीरीज के फोन में तीन ऐसी खास बात है जो भारत के लिए खास महत्व रखती हैं।
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बता दें कि पहली बार एप्पल ने भारत की तरफ से डेवलप किया गया नेविगेशन सिस्टम को iPhone 15 में इस्तेमाल किया है। अब तक आईफोन में इसका सपोर्ट नहीं मिलता था, लेकिन कंपनी ने इस बार iPhone 15 Pro सीरीज में इसे जोड़ दिया है।
NavC भारत का विकसित किया गया रीजनल सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है। ISRO ऑपरेट करता है।
Apple ने तकनीकी विशिष्टताओं में बताया है कि आईफोन 15 प्रो और आईफोन 15 प्रो मैक्स अब घरेलू नाविक सिस्टम का इस्तेमान कर रहा हैं, जो ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) का विकल्प है।
लोकेशन कैटेगिरी के अंतर्गत तकनीकी विशिष्टताओं में "सटीक ड्यूल फ्रीक्वेंसी जीपीएस (जीपीएस, ग्लोनास, गैलीलियो, क्यूजेडएसएस, बेईडौ और एनएवीआईसी) शामिल हैं।
यह पहली बार है जब आईफोन निर्माता ने अपने आईफोन मॉडलों के लिए नाविक को जोड़ा है।
अब तक, अमेरिकी सरकार के स्वामित्व वाला जीपीएस, भारत और दुनिया में सबसे लोकप्रिय सैटेलाइट बेस्ड नेविगेशन सिस्टम्स में से एक रहा है।
भारत अब जीपीएस और अन्य सिस्टम्स पर निर्भरता कम करने के लिए अपने स्वयं के नेविगेशन सिस्टम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
फिलहाल, श्याओमी, वनप्लस और रियलमी जैसे कुछ स्मार्टफोन निर्माता पहले से ही अपने कुछ फोन पर नाविक का समर्थन करते हैं।
भारत का लक्ष्य विश्व स्तर पर नाविक कवरेज का विस्तार करना है और वह चाहता है कि तकनीकी कंपनियां इससे पहले अपने डिवाइस को नए मानक के अनुकूल बना लें।
देश की स्थिति, नेविगेशन और समय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, इसरो ने एक रिजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम की स्थापना की, जिसे नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (नाविक) कहा जाता है।
नाविक को पहले इंडियन रिजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) के रूप में जाना जाता था।
वर्तमान में ऑर्बिट में फर्स्ट जनरेशन के आठ नाविक सैटेलाइट हैं। इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में आईएएनएस को बताया कि ऑर्बिट में आठ नाविक सैटेलाइट में से चार नेविगेशन सर्विस के लिए कार्यात्मक हैं और चार अन्य मैसेज सर्विस हैं।
मई में, भारत ने अपनी सेकंड जनरेशन के नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-01 को सफलतापूर्वक ऑर्बिट में स्थापित किया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, नाविक कवरेज क्षेत्र में भारत और भारतीय सीमा से 1,500 किमी दूर तक का क्षेत्र शामिल है।
नाविक एसपीएस सिग्नल अन्य वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) सिग्नल जैसे जीपीएस, ग्लोनास, गैलीलियो और बेईडौ के साथ इंटरऑपरेबल हैं।
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