नकद लेन-देन को पीछे छोड़ देगी UPI : पीएम मोदी

Last Updated 22 Feb 2023 07:06:13 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को भारत की सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली बताया और कहा कि यह जल्द ही नकद लेन-देन को पीछे छोड़ देगी।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सिंगापुर के अपने समकक्ष ली सियन लूंग की मौजूदगी में ‘यूपीआई’ और सिंगापुर की ‘पे नाऊ’ प्रणाली के बीच संपर्क सुविधा की शुरुआत के मौके पर कहा कि भारत की भुगतान सेवा यूपीआई और सिंगापुर की ‘पे नाउ’ प्रणाली के बीच इस सुविधा की शुरुआत दोनों देशों के संबंधों के लिए एक नया मील का पत्थर है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 में यूपीआई के जरिए 1,26,000 अरब रुपए से अधिक के 74 अरब लेन-देन हुए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीआई अब अन्य देशों में भी अपने कदम बढ़ा रही है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक रवि मेनन ने इस सुविधा को शुरू किया। दास ने इस सुविधा के जरिये पहला लेन-देन भी किया।
मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच हुई इस शुरुआत ने ‘सीमापार वित्तीय प्रौद्योगिकी संपर्क’ का एक नया अध्याय शुरू किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सुविधा से प्रवासी भारतीयों, छात्रों, पेशेवरों और उनके परिवारों को विशेष रूप से लाभ होगा। उन्होंने कहा, ‘आज के बाद सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाइल फोन से उसी प्रकार धन का हस्तांतरण कर पाएंगे जैसे वे अपने-अपने देशों में करते हैं।’

‘यूपीआई के जरिये इतनी अधिक संख्या में होने वाला लेन-देन यह दिखाता है कि स्वदेशी स्तर पर तैयार यह भुगतान प्रणाली बहुत सुरक्षित है।’

सीमापार धन हस्तांतरण में बनाएगी सक्षम

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि यूपीआई-पे नाउ संपर्क सुविधा दोनों देशों की त्वरित भुगतान प्रणाली के उपयोगकर्ताओं को अपने-अपने मोबाइल ऐप के जरिए सुविधाजनक, सुरक्षित, त्वरित और किफायती सीमापार धन हस्तांतरण में सक्षम बनाएगी।

इसमें बताया गया कि धन को बैंक खातों या ई-वॉलेट के जरिए यूपीआई-आईडी, मोबाइल नंबर या वचरुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके भारत से या भारत में स्थानांतरित किया जा सकता है।

बयान में कहा गया है कि शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लेन-देन (आवक और प्रेषण दोनों) सुविधा प्रदान करेंगे, जबकि एक्सिस बैंक और डीबीएस इंडिया सिर्फ धन आवक की सुविधा प्रदान करेंगे।

भाषा
नई दिल्ली/सिंगापुर


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