सरकार के जीएसटी संग्रह ने इस वित्तीय वर्ष में अपनी गति बनाए रखी है, क्योंकि आर्थिक सुधार में तेजी आने से कॉपोर्रेट आय में भी तेजी आ रही है। सितंबर में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,17,010 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है।
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यह पिछले महीने (अगस्त, 2021) के 1,12,020 करोड़ रुपये के संग्रह से भी अधिक है।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस जीएसटी संग्रह में से सीजीएसटी 20,578 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 26,767 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 60,911 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 29,555 करोड़ रुपये सहित) और उपकर (सेस) 8,754 करोड़ रुपये (वस्?तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 623 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं।
सरकार ने नियमित निपटान के रूप में सीजीएसटी के लिए 28,812 करोड़ रुपये और आईजीएसटी से एसजीएसटी के लिए 24,140 करोड़ रुपये का निपटान किया है। सितंबर 2021 में नियमित निपटान के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 49,390 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 50,907 करोड़ रुपये है।
पिछले साल की इसी अवधि के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व की तुलना में इस महीने के दौरान वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व 30 प्रतिशत अधिक रहा और घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात सहित) से प्राप्त राजस्व 20 प्रतिशत अधिक रहा है।
सितंबर 2020 में राजस्व, सितंबर 2019 में हुए 91,916 करोड़ रुपये की तुलना में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो इसी वर्ष की पहली तिमाही में हुए औसत मासिक संग्रह 1.10 लाख करोड़ की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। इसके अलावा, आर्थिक वृद्धि और कर अपवंचना निरोधक गतिविधियों, विशेष रूप से फर्जी बिल बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई ने जीएसटी संग्रह की बढ़ोतरी में योगदान दिया है।
इसके अलावा यह अनुमान है कि राजस्व में यह सकारात्मक रुझान जारी रहेगा और वर्ष की दूसरी छमाही में अधिक राजस्व प्राप्त होगा। केंद्र ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व अंतर की भरपाई के लिए 22 हजार करोड़ रुपये की जीएसटी क्षतिपूर्ति भी जारी की है।
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