वित्त मंत्री सीतारमण ने इन्फोसिस से नये आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल की तकनीकी खामियां दूर करने को कहा
आयकर विभाग की नई ई-फाइलिंग वेबसाइट पूरी तरह ऑपरेशनल हो चुकी है, हालांकि, अब भी कई यूजरों ने तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायत की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इन्फोसिस और उसके चेयरमैन नंदन निलेकणि से वेबसाइट में आ रही तकनीकी खामियों को दूर करने को कहा।
![]() वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (file photo) |
ट्विटर पर भारी संख्या में उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के बाद वित्त मंत्री ने यह कदम उठाया।
इन्फोसिस को 2019 में अगली पीढ़ी की आयकर फाइलिंग प्रणाली तैयार करने का अनुबंध दिया गया था। इसका मकसद रिटर्न की प्रसंस्करण प्रक्रिया में लगने वाले 63 दिन के समय को कम कर एक दिन करने और ‘रिफंड’ प्रकिया को तेज करना है।
पोर्टल सोमवार शाम चालू हो गया।
वित्त मंत्री ने मंगलवार सुबह ट्विटर के जरिये नये पोर्टल... डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इंकमटैक्स.गॉव़ इन (www.incometax.gov.in) शुरू होने की घोषणा करते हुये कहा, ‘‘अनुपालन अनुभव को करदाताओं के और अनुकूल बनाने के लिये एक महत्वपूर्ण कदम।’’
The much awaited e-filing portal 2.0 was launched last night 20:45hrs.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) June 8, 2021
I see in my TL grievances and glitches.
Hope @Infosys & @NandanNilekani will not let down our taxpayers in the quality of service being provided.
Ease in compliance for the taxpayer should be our priority. https://t.co/iRtyKaURLc
पोर्टल सोमवार रात 8.45 बजे परिचालन में आ गया।
लेकिन कुछ ही समय बाद उनके ट्विटर टाइमलाइन पर उपयोगकर्ताओं की कई शिकायतें आ गयीं।
बाद में सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मैंने अपने टाइमलाइन पर तकनीकी खामियों के बारे में शिकायतें देखी हैं। उम्मीद है कि इन्फोसिस और नंदन निलेकणि प्रदान की जा रही सेवा की गुणवत्ता में हमारे करदाताओं को निराश नहीं करेंगे।’’
उन्होंने एक उपयोगकर्ता के ट्वीट का हवाला देते हुए लिखा, ‘‘करदाताओं के लिये अनुपालन में सुगमता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उपयोगकर्ता ने अपने ट्वीट में नये ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘लॉग इन’ में दिक्कत होने की शिकायत की थी।’’
उल्लेखनीय है कि इन्फोसिस ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल भी तैयार किया था। इसका उपयोग जीएसटी भुगतान और रिटर्न फाइलिंग में किया जाता है। प्रमुख आईटी कंपनी को जीएसटीएन पोर्टल को लेकर भी करदाताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा था।
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