चेक बाउंस के मामले जल्द निपटाने के उपाय करे केंद्र

Last Updated 17 Apr 2021 08:50:55 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस के मामलों के जल्द निस्तारण के लिए शुक्रवार को कई निर्देश जारी किए।


सुप्रीम कोर्ट

इसके तहत एक ही लेनदेन से संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एक वर्ष के भीतर दर्ज मामलों में सभी मुकदमों को साथ जोड़ने की व्यवस्था करने के लिए केंद्र को कानून में संशोधन करने का सुझाव दिया।
 

शीर्ष अदालत ने देश के सभी उच्च न्यायालयों को चेक बाउंस के मामलों से निपटने के लिए निचली अदालतों को निर्देश देने को कहा है। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि चेक बाउंस के मामलों में साक्ष्यों को अब हलफनामा दायर कर प्रस्तुत किया जा सकता है और गवाहों को बुलाकर जांच करने की जरूरत नहीं होगी। पीठ ने केंद्र से परक्राम्य लिखत अधिनियम (नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट) में ‘उचित संशोधन’ करने को कहा ताकि एक व्यक्ति के खिलाफ एक साल के भीतर दर्ज कराए चेक बाउंस के मामलों में सभी मुकदमों को साथ जोड़कर एक मुकदमा चलाया जा सके।
 

पुराने फैसले को दोहराया : शीर्ष अदालत ने अपने पुराने फैसले को दोहराया और कहा कि निचली अदालतों के पास चेक बाउंस मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए व्यक्तियों को तलब करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की ‘स्वाभाविक शक्तियां’ नहीं हैं। न्यायालय ने कहा कि जिन मामलों का निपटान उसने नहीं किया है उस पर बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति आरसी चव्हाण की अध्यक्षता वाली समिति विचार करेगी।
 

शीर्ष अदालत ने 10 मार्च को इस समिति का गठन किया था और देश भर में चेक बाउंस के मामलों के जल्द निस्तारण के लिए उठाए गए कदमों पर तीन माह के भीतर एक रिपोर्ट मांगी थी। इसने कहा कि तीन न्यायाधीशों की पीठ आठ हफ्तों के बाद चेक बाउंस के मामलों का जल्द निस्तारण सुनिश्चित करने पर अब स्वत: संज्ञान लेगी।

एसएनबी
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment