आम आदमी की जिंदगी में आज से होंगे कई महत्वपूर्ण बदलाव
एक अप्रैल 2021 से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो चुकी है। नए वित्त वर्ष में बजट प्रस्तावों को लागू किया जाता है जिसका असर आम आदमी के जीवन पर भी पड़ता है। वित्त वर्ष 2020-21 में पेश बजट के प्रस्तावों को अब नए वित्त वर्ष में लागू किया जा रहा है जिससे आयकर, ईपीएफ और वेतन से जुड़े नियमों में कई बदलाव होंगे।
![]() एक अप्रैल 2021 से नए वित्त वर्ष की शुरुआत |
पीएफ में ज्यादा पैसा कटाने पर टैक्स : एक अप्रैल 2021 से पीएफ में ज्यादा पैसा कटाने पर टैक्स का प्रावधान लागू हो जाएगा। यह नियम लागू होने से पूरे वित्त वर्ष में अब सिर्फ पांच लाख रुपए तक का निवेश ही टैक्स फ्री होगा। यानी अब ईपीएफ में ढाई लाख रुपए से ज्यादा का योगदान देने पर ब्याज के रूप में जो आय होगी उस पर टैक्स देना पड़ेगा।
रिटर्न दाखिल करना जरूरी : केंद्र सरकार ने नए वित्त वर्ष में सभी के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में धारा 206एबी को जोड़ दिया है। नए नियम के मुताबिक आईटीआर दाखिल न किए जाने पर दोगुना टीडीएस काटा जाएगा। इसके अलावा रिटर्न फाइल न करने पर टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (टीसीएस) की भी ज्यादा कटौती होगी। एक जुलाई 2021 से टीडीएस और टीसीएस की दरें पांच से दस फीसद की जगह दस से 20 फीसद हो जाएंगी।
बैंकों से जुड़े नियम भी बदलेंगे : मौजूदा वित्त वर्ष में उन बैंकों से जुड़े कुछ नियमों में भी बदलाव होना है जिन बैंकों का आपस में विलय किया गया है। चालू वित्त वर्ष में विलय किए गए बैंकों के आईएफएससी कोड, एमआईसीआर कोड में बदलाव हो जाएगा साथ ही यह बैंक अपनी नई चेकबुक भी जारी करेंगे।
पैन आधार लिंकिंग : नए वित्त वर्ष में पैन आधार लिंक कराना अनिवार्य हो गया है। अगर कोई व्यक्ति पैन और आधार को लिंक नहीं कराता है तो उसे पेनाल्टी के रूप में दस हजार रुपए देने पड़ सकते हैं।
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