कैबिनेट का फैसला : उत्पादन आधारित प्रोत्साहन के तहत दी जाएगी उद्योगों को राहत, दूरसंचार क्षेत्र को 12,000 करोड़
सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र के विस्तार और संबंधित उपकरणों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 12,195 करोड़ रुपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा की है।
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद (file photo) |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि यह योजना एक अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगी और अगले पांच वर्ष के लिए होगी। इससे देश में दूरसंचार, नेटवर्किंग एवं मोबाइल और अन्य उपकरणों के विनिर्माण को गति मिलेगी और देश में इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर का उत्पादन हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए आधार वर्ष 2019-20 होगा। छोटे उद्योगों को सामान्य उद्योग की तुलना में एक फीसद अधिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। छोटे उद्योगों को कम से कम 10 करोड़ रुपए और सामान्य उद्योगों को कम से कम 100 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। प्रसाद ने कहा कि इस योजना से देश में मोबाइल फोन सेट और अन्य उपकरणों का विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 31 जुलाई, 2020 को घोषित की रियायतों के बेहतर परिणाम सामने आये हैं और दुनिया में मोबाइल फोन सेट उत्पादन में देश दूसरे स्थान पर आ गया है।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा : उन्होंने कहा कि इस योजना से तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपए के दूरसंचार उपकरण तथा नेटवर्किंग उपकरणों का आयात रोकने में मदद मिलेगी। इससे मेक इन इंडिया अभियान को भी बढ़ावा मिलेगा। इस योजना से दूरसंचार उपकरणों का उत्पादन 2.4 लाख करोड़ रुपए तक होने की उम्मीद है। इसमें दो लाख करोड़ रुपए का निर्यात भी होगा। इस योजना से देश में 3000 करोड़ रुपए का निवेश आने की उम्मीद है।
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